प्रधानमंत्री मोदी आज कर्नाटक के शिवमोगा में एक जनसभा को करेंगे संबोधित
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने पीएम नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के कर्नाटक के प्रस्तावित दौरे का उल्लेख करते हुए सोमवार को इल्जाम लगाया कि प्रदेश गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है, लेकिन केंद्र गवर्नमेंट सहायता नहीं कर रही है. पीएम मोदी आज कर्नाटक के शिवमोगा में एक जनसभा को संबोधित करेंगे.
कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स ‘ पर पोस्ट किया कि पीएम आज कर्नाटक के शिवमोगा में हैं. हमें आशा है कि वह अपने संबोधन में राज्य के कुछ प्रमुख मुद्दों को संबोधित करेंगे.
पीएम मोदी आज कर्नाटक के शिवमोगा में
जयराम रमेश ने बोला कि कर्नाटक के अधिकतर हिस्सों में गंभीर सूखे की स्थिति के कारण राज्य गंभीर जल संकट से जूझ रहा है. राज्य की 236 तालुकाओं में से 223 सूखे की स्थिति का सामना कर रही हैं. राज्य गवर्नमेंट ने मोदी गवर्नमेंट से सूखा राहत के लिए 18,172 करोड़ रुपये की रकम जारी करने का निवेदन किया है.
कांग्रेस का ये भी आरोप
रमेश ने प्रश्न किया कि मोदी गवर्नमेंट ने अब तक कर्नाटक के लोगों की सहायता करने से इनकार क्यों किया है? उन्होंने यह भी बोला कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सूखे की मार को कम करने के लिए कर्नाटक गवर्नमेंट ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGA) के अनुसार कार्य दिवसों की संख्या को 100 से बढ़ाकर 150 करने की मांग की है, लेकिन केंद्र गवर्नमेंट ऐसा नहीं कर सकी.
कांग्रेस नेता के मुताबिक, केंद्र गवर्नमेंट ने कर्नाटक में मनरेगा मजदूरी के भुगतान के लिए महत्वपूर्ण 1600 करोड़ रुपये की राशि भी जारी नहीं की. उन्होंने प्रश्न किया कि मोदी गवर्नमेंट कर्नाटक के मनरेगा श्रमिकों को उनकी मजदूरी कब देगी?
कर्नाटक गवर्नमेंट की योजना को केंद्र बाधित किया
कांग्रेस महासचिव ने यह दावा भी किया कि 2023 में कांग्रेस पार्टी के सत्ता संभालने के बाद से कर्नाटक गवर्नमेंट की ‘अन्न भाग्य योजना’ के माध्यम से गरीब परिवारों को अतिरिक्त पांच किलोग्राम चावल मौजूद कराने के प्रयासों को मोदी गवर्नमेंट ने बाधित कर दिया है.
जयराम रमेश ने पूछे ये सवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शिमोगा से सांसद और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के पुत्र बी वाई राघवेंद्र का हवाला देते हुए बोला कि पीएम को साफ करना चाहिए कि राजनीति में वंशवाद पर बीजेपी का क्या रुख है?