पुलिस ने गुरुग्राम में एक किडनी रैकट का किया भंडाफोड़
गुरुग्राम। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में अक्सर ऐसी घटनाएं होती हैं, जिससे आम आदमी के साथ ही पुलिस भी सोचने पर विवश हो जाती है। एक ऐसा ही मुद्दा दिल्ली-एनसीआर के एक बड़े शहर में सामने आया है। एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है, जिसके बारे में सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। पुलिस ने गुरुग्राम में एक किडनी रैकट का पर्दाफाश किया है। साथ ही कई आरोपियों को अरैस्ट भी किया गया है। हालांकि, किडनी गिरोह का मुखिया फरार कहा जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, हरियाणा और राजस्थान में अंग प्रत्यारोपण (Organ Transplant) रैकेट का पर्दाफाश होने के 10 दिन बाद गुरुग्राम पुलिस ने शनिवार को अंगों के वाणिज्यिक लेनदेन के इल्जाम में 5 लोगों को अरैस्ट किया है। ऑफिसरों ने यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अरैस्ट आरोपियों में से 3 लोग किडनी प्राप्त करने वाले हैं और दो लोग अंग दान करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अंग दान करने वाले लोग बांग्लादेश के रहने वाले हैं और उन्होंने गुर्दा देने के लिए दो-दो लाख रुपये लिए।
किडनी गिरोह का किंगपिन फरार
पुलिस ने किडनी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए कहा कि रैकेट का मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद मुर्तजा अंसारी अब भी फरार है। पुलिस ऑफिसरों का बोलना है कि वह झारखंड का मूल निवासी है। अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि किडनी देने वाले बांग्लादेशी नागरिकों ने किस तरह और कैसे भारतीय सीमा में प्रवेश किया। क्या उनके पास हिंदुस्तान आने के लिए वैध दस्तावेज थे या फिर वे घुसपैठ कर के गैरकानूनी ढंग से राष्ट्र में घुसे थे। साथ इस पूरे गिरोह की जड़ तक पहुंचे के लिए मुख्य साजिशकर्ता का अरैस्ट होना महत्वपूर्ण है।
ऐसे हुआ खुलासा
हरियाणा मुख्यमंत्री फ्लाइंग पुलिस ने किडनी गिरोह का खुलासा किया था। इसकी जांच में सामने आया है कि बांग्लादेशी पुरुष को जयपुर के एक निजी हॉस्पिटल लाकर उसकी किडनी निकाली गई थी। रोगी का जयपुर में ऑपरेशन कर उसे गुरुग्राम की होटल में शिफ्ट कर दिया गया था। हरियाणा में हुए इस खुलासे के बाद अब जयपुर कमिश्नरेट पुलिस वहां जाकर पूरे मुद्दे की जमीनी हकीकत जानने का कोशिश कर रही है।