क्रूड में तेजी, पेट्रोल की बिक्री बढ़ी-डीजल की मांग घटी
ईरान-इजरायल के बीच चल रही जंग के बीच दुनियाभर में ऑयल का संकट मंडराने लगा है। मिडल ईस्ट की टेंशन के बीच कच्चे ऑयल की मूल्य में भी बढ़ोत्तरी हुआ है। इंटरनेशनल बाजार में क्रूड ऑयल की मूल्य में तेजी देखी जा रही है। दूसरी तरफ राष्ट्र में पेट्रोल की खपत अप्रैल के शुरुआती 15 दिनों में सात फीसदी बढ़ गई, जबकि डीजल की बिक्री में 9.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। पब्लिक सेक्टर की पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। क्रूड में तेजी के बाद कई मीडिया रिपोर्ट में पेट्रोल-डीजल की मूल्य बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
परस्पर विरोधी आंकड़े सामने आए
गर्मी के मौसम की आरंभ से पहले पेट्रोल और डीजल बिक्री के बारे में परस्पर विरोधी आंकड़े सामने आए हैं। तीनों पब्लिक सेक्टर की पेट्रोलियम कंपनियों का ईंधन बाजार के 90 फीसदी हिस्से पर नियंत्रण है। आंकड़ों से सामने आया कि एक से 15 अप्रैल के दौरान पेट्रोल की बिक्री बढ़कर 12.2 लाख टन हो गई, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 11.4 लाख टन थी। वहीं इस अवधि में डीजल की मांग 9.5 फीसदी घटकर 31.4 लाख टन रह गई। पेट्रोल की कीमतों में आंशिक कटौती की वजह से निजी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ने के कारण बिक्री बढ़ गई।
दो वर्ष तक ऑयल की मूल्य में कोई परिवर्तन नहीं
फसल कटाई के मौसम के साथ गर्मी बढ़ने पर कारों में एयर कंडीशनिंग की मांग बढ़ने पर आगे चलकर डीजल की मांग बढ़ने का अनुमान है। पिछले महीने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी। इससे पहले दो वर्ष तक ईंधन कीमतों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था। डीजल हिंदुस्तान में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है, जो सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत का लगभग 40 फीसदी है। राष्ट्र में कुल डीजल बिक्री में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी 70 फीसदी है। यह हार्वेस्टर और ट्रैक्टर सहित कृषि क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाने वाला प्रमुख ईंधन है।
पेट्रोल की खपत में लगातार साल-दर-साल वृद्धि देखी जा रही है जबकि डीजल की खपत में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। आलोच्य अवधि में विमानों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन (एटीएफ) की बिक्री सालाना आधार पर 10.4 फीसदी बढ़कर 3,35,700 टन हो गई। पेट्रोल और डीजल की तरह, एटीएफ की मांग भी अब पूर्व-कोविड स्तर से अधिक हो चुकी है। अप्रैल के पहले पखवाड़े में रसोई गैस एलपीजी की बिक्री सालाना आधार पर 8.8 फीसदी बढ़कर 12 लाख टन हो गई। हालांकि, मासिक आधार पर एलपीजी की मांग 11.6 फीसदी घटी है।