जानें डायबिटीज में तरबूज खाने के फायदे और नुकसान के बारें में…
इस बात को हर कोई जानता है कि डायबिटीज में मिट्ठा नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे शुगर लेवल बढ़ने लगता है। ऐसे में कई फल भी मधुमेह में खाने की मनाही होती है क्योंकि इसमें नेचुरल शुगर फ्रक्टोज होता है जो शुगर लेवल को बढ़ा सकता है।
ऐसे में गर्मी के दिनों में बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए प्रसिद्ध तरबूज डायबिटीज में खाना चाहिए या नहीं इसको लेकर काफी अधिक कंफ्यूजन होता है। क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए लाभ वाला होने के साथ ही मीठा भी होता है। ऐसे में यदि आप भी डायबिटीज के रोगी है तो यह लेख आपके लिए है। यहां आप डायबिटीज में तरबूज के लाभ और हानि के साथ इसे खाने का ठीक तरीका जान सकते हैं।
तरबूज में कितना शुगर होता है
यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के डेटा के अनुसार, एक कप, या 152 ग्राम (जी) कटे हुए तरबूज में 9.42 ग्राम नेचुरल शुगर और 11.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। वहीं, तरबूज में आमतौर पर 72 का जीआई होता है लेकिन प्रति 120-ग्राम सर्विंग में 5 का जीएल होता है। तरबूज में ग्लाइसेमिक इंडेक्स सभी फलों की तरह कम होता है। ऐसे में इसे संतुलित भोजन के हिस्से के रूप में कम मात्रा में खाया जा सकता है।
क्या तरबूज खाने से शुगर बढ़ सकता है
तरबूज खाने से डायबिटीज पेशेंट का शुगर लेवल बढ़ सकता है कि नहीं यह बात इस पर निर्भर करती है कि फल को कितनी मात्रा में खाया जा रहा है। यदि इसका सेवन बैलेंस डाइट के हिस्से के रूप में किया जा रहा है तो तरबूज खाने शुगर लेवल पर कोई नकारात्मक असर नहीं दिखता है।
तरबूज खाने से होते हैं डायबिटीज में ये फायदे
डायबिटीज रोगियों में कार्डियो वैसक्यूलर डिजीज की परेशानी बहुत अधिक होती है। ऐसे में तरबूज का नियंत्रित मात्रा में सेवन बहुत लाभ वाला साबित हो सकता है। दरअसल तरबूज को लाल रंग देने वाला तत्व लाइकोपीन एक ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट होता है।