बिहार के पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में हुई वृद्धि, इन लोगों को होगा फायदा
बिहार के पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि की गई है। जिसके बाद अब मुखिया, उप मुखिया, पंच-सरपंच का मानदेय को दोगुना कर दिया गया है। मुखिया को अब पांच हजार रुपये, जबकि उप मुखिया को ढाई हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। वहीं आंगनबाड़ी सेविका -सहायिका के मानदेय के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी गई है। अब आंगनबाड़ी सेविका को सात हजार और सेविका को चार हजार रुपया मानदेय मिलेगा। इसके अतिरिक्त सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बिहार आईटी पॉलिसी 2024 सहित 19 प्रस्तावों पर मुहर लगी है।
मानदेय बढ़ने से इतने लोगों को होगा फायदा
मानदेय बढ़ाने के इस निर्णय से राज्य के दो लाख 35 हजार 148 पंचायत प्रतिनिधियों और एक लाख से अधिक वार्ड सदस्य और पंच को लाभ होगा। ऐसे में राज्य गवर्नमेंट का यह निर्णय लोकसभा चुनाव से पहले लिया जाना एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है।
पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को अब कितना मिलेगा भत्ता
कैबिनेट अपर मुख्य सचिव डाक्टर एस सिद्धार्थ ने कहा कि ग्राम पंचायत के मुखिया को पहले 2 हजार 500 रुपया मानदेय मिलता था, जो अब बढ़ने के बाद 5000 रुपया हो जाएगा। वहीं उप मुखिया को पहले 1200 रुपये मानदेय दिया जाता था जो अब 2500 रुपया हो गया है। वार्ड सदस्य का मानदेय पहले 500 रुपये था जो अब 800 रुपये प्रतिमाह हो जाएगा।
वहीं सरपंच का मानदेय 2500 रुपये से बढ़कर 5000 रुपये प्रतिमाह हो जाएगा। उप सरपंच का मानदेय 1200 रुपये से बढ़कर 2500 रुपया हो जाएगा। पांच का मानदेय 500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 800 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। बता दें कि एक दिन पहले ही पंचायत प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और मानदेय बढ़ाने की मांग रखी थी।
आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका का भी बढ़ा मानदेय
नीतीश कैबिनेट ने आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। जिसके बाद अब सेविकाओं को अब मिलने वाला 1450 रुपये का भत्ता बढ़ाकर 2500 रुपया कर दिया गया है। वहीं आंगनबाड़ी सहायिकाओं को राज्य भत्ता के तौर पर 725 रुपये मिलते थे, कैबिनेट की बैठक में उसे बढ़ा कर 1750 रुपये करने का निर्णय लिया गया है।
राज्य गवर्नमेंट के इस निर्णय से करीब 2 लाख 30 हजार सेविका-सहायिका को फायदा होगा। बिहार में अभी लगभग एक लाख 15 हजार सेविका कार्यरत है और कार्यरत सहायिका की संख्या भी इतनी ही है। बता दें कि दो दिन पहले ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला था।
12 जिलों में खुलेगा जिला संयुक्त औषधालय
इसके अतिरिक्त राज्य के 12 जिलों में जिला संयुक्त औषधालय के स्थापना का भी निर्णय लिया गया है। इसमें देशी चिकित्सा पदाधिकारी एवं इससे संबंधित कुल 108 पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई है। जिन जिलों में औषधालय की स्थापना होगी उसमें बक्सर, कैमूर, जहानाबाद, जमुई, शेखपुरा, लखीसराय, सुपौल, किशनगंज, अररिया, बांका अरवल एवं शिवहर शामिल है।
खेल विभाग का होगा गठन
कैबिनेट द्वारा अब खेल विभाग के गठन को भी स्वीकृति दे दी गई है। दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने खेल के लिए अलग से विभाग बनाने का घोषणा किया था। जिसके बाद सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई। अब जल्द ही बिहार में खेल विभाग का गठन कर लिया जाएगा। बिहार में अभी तक खेल से संबंधित सभी कार्य कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अधीन किए जाते थे। जितेंद्र कुमार राय इस विभाग के मंत्री हैं। अलग से खेल विभाग के गठन के बाद राज्य में स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिल सकेगा।