सुशील मोदी ने लालू परिवार पर फिर लगाए आरोप

पूर्व उपमुख्यंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी, पूर्व सीएम लालू प्रसाद और उनके परिवार के कथित घोटाले पर बोलते रहे हैं. लालू लीला नाम से एक पुस्तक भी लिख चुके हैं.
अब शनिवार को सुशील मोदी ने प्रेस कांफ्रेस कर कई खुलासा किया ! सुशील मोदी की ओर से लगाए गए आरोपों पर आरजेडी प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बोला है कि सुशील मोदी नाजी गोएवेल्स के भाजपाई संस्करण हैं.
दिल्ली स्थित न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का मकान एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का रजिस्टर्ड कार्यालय
सुशील मोदी ने गंभीर आरोप लगाते हुए बोला है कि रेलवे में जॉब के बदले जमीन घोटाला मुद्दे में राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से D–1088 न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, नयी दिल्ली के चार मंजिला मकान, जिसकी मूल्य 150 करोड़ होगी. इसको लेकर भी प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की है. यह आलीशान ‘मकान ए।के। इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का रजिस्टर्ड कार्यालय है. इसी एके इंफो को हजारी राय, महुआ बाग, पटना ने सेल डीड नम्बर 2892 दिनांक 21 फ़रवरी, 2007 को 9527 वर्ग फुट भूखंड 10 लाख 83 हजार में नगद भुगतान कर स्थानांतरित किया.
हजारी राय के दो भतीजे दिल चंद्र कुमार और प्रेम चंद्र कुमार को जबलपुर और कोलकाता में रेलवे में 2006 में जॉब मिल गई. इस ए।के।इंफो के 2014 में तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी मालिक बन गए. इस कंपनी के 100 फीसदी शेयर राबड़ी, तेजस्वी के नाम है. इसका 8,500 शेयर राबड़ी देवी और 1,500 शेयर तेजस्वी यादव के पास है. इस कंपनी की डायरेक्टर रागिनी लालू हैं. इस प्रकार 2014 से इस कंपनी पर लालू परिवार का एकाधिकार है. इसी कंपनी में रेलवे में जॉब के बदले जमीन लिखवाई गई और अब इस जमीन के मालिक राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव हैं.
अमित कात्याल की एक कंपनी ने तेजस्वी को 9.5 लाख की वाहन मौजूद कराई
सुशील मोदी ने एके इंफोसिस का इतिहास बताते हुए बोला है कि राबड़ी गवर्नमेंट के कार्यकाल (2000-05) के दौरान अमित कत्याल की कंपनी Iceberg Industries ने बिहटा में शराब की फैक्ट्री लगाई. इस कंपनी में लालू परिवार के लोग भी डायरेक्टर थे. इसी अमित कत्याल के नाम अमित कत्याल Infosystem नामक कंपनी बनी. अमित कात्याल की एक अन्य कंपनी Triangle Trading Ltd. द्वारा 2010 में तेजस्वी यादव को 9.5 लाख रुपया की वाहन मौजूद कराई गई. अमित कात्याल ने 30.26 लाख तेजस्वी को तथा 55.51 लाख तेज प्रताप को ऋण दिया जो बाद में राइट ऑफ कर दिया गया.
जमीन खरीदने के लिए अमित कात्याल ने 45 लाख 50 हजार का कर्ज दिया
ए।के।इंफोसिस जमीन खरीद मुद्दे पर सुशील मोदी ने बोला है कि पटना और दानापुर सर्किल के मौजा चितकोहरा, सलेमपुर, चितनावां, बभनगावां, पानापुर में 21 भूखंड जिसका क्षेत्रफल 221 डिसमिल है को 2007-10 के बीच 2 करोड़ 16 लाख में खरीदा गया. इस कंपनी को जमीन खरीदने के लिए अमित कात्याल ने 45 लाख 50 हजार का कर्ज दिया. राबड़ी देवी ने भी 1 करोड़ 54 लाख का 2018 लोन दिया. इस प्रकार तेजस्वी यादव ए।के।इंफो के माध्यम से करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन बैठे.
सुशील मोदी ने कई प्रश्न उठाए हैं
उन्होंने पूछा है कि अमित कत्याल ने लालू के बेटे-बेटियों को क्यों अपनी कंपनी का डायरेक्टर बनाया? क्यों कात्याल परिवार ने एक लाख में अपने सारे शेयर राबड़ी देवी और तेजस्वी को दे दिया ? क्यों अमित कात्याल ने 45 लाख का ऋण दिया जो आज तक वापस नहीं हुआ ? क्यों ए।के।इंफो द्वारा रेलवे में जॉब के लाभ पाने वाले से जमीन लिखवा लिया ? क्यों इस कंपनी ने 1 करोड़ 89 लाख के अनेक भूखंड खरीदे ? क्यों इस कंपनी ने अपने स्थापना काल से आज तक कोई व्यवसाय नहीं किया ? कोई टर्न ओवर नहीं किया सिर्फ जमीन खरीदने का काम किया कैसे तेजस्वी यादव मात्र 15 हजार खर्च कर करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन गए ? क्यों अमित कात्याल और उनके भाई राजेश कात्याल ने इस कंपनी के सारे शेयर 1 लाख में राबड़ी देवी और तेजस्वी को बेच दिया ? तेजस्वी यादव, चंदा यादव, तेज प्रताप लंबे समय तक इस कंपनी के डायरेक्टर भी थे ? क्यों इस कंपनी का उपयोग रेलवे जॉब के लाभ पाने वाले की जमीन लिखवाने में किया गया ? क्या कारण है कि लालू के रेल मंत्री के दौरान ही अधिकतर जमीन खरीदी गई ?
आरजेडी की चेतावनी- भविष्य के लिए घातक शुरुआत
सुशील मोदी के अनेक आरोपों पर आरजेडी के प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बोला है कि सुशील मोदी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्हीं आरोपों को दुहरा रहे हैं जो 2017 में लगा चुके हैं. जांच के क्रम में ये सब मिथ्या साबित हो चुका है. गगन ने बोला है कि नाजी गोएवेल्स का अनुकरण करते हुए सुशील मोदी भी एक ही असत्य को बार-बार दोहराते रहते हैं. CBI की स्थिति उस समय काफी हास्यास्पद हो गई थी जब उसके हवाले से हरियाणा के गुरुग्राम में अरबों रुपए से बने बीजेपी नेता के एक मॉल को तेजस्वी प्रसाद यादव का बताया गया था. उस मॉल को लेकर भी सुशील मोदी ने प्रेस को संबोधित करते हुए तेजस्वी जी का बताया था.
दो बार मुकदमा क्लोज्ड हुआ है
सुशील मोदी की बेचैनी उस दिन से और बढ़ गई है जब दिल्ली उच्च न्यायालय में CBI ने तेजस्वी जी के विरूद्ध कोई सबूत नहीं होने के आधार पर उनकी गिरफ्तारी की संभावना से साफ रूप में इंकार किया था. अब सुशील मोदी झूठे आरोप लगाकर माहौल बनाने की षड्यंत्र कर रहे हैं. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के जिस कम्पलेन की चर्चा वे बार-बार कर रहे हैं उसे CBI द्वारा दो-दो बार साक्ष्य के अभाव में क्लोज्ड किया जा चुका है. इतिहास की यह पहली घटना होगी कि जिस मुद्दे को साक्ष्य के अभाव में दो -दो बार क्लोज्ड कर दिया गया हो उसे तीसरी बार खोला जाए और यह भविष्य के लिए एक घातक आरंभ होगी.