बिहार

रोग से संक्रमित पलवल के फल जड़ और लत्तर पर बनता जा रहा गहरा ढाबा

समस्तीपुर बिहार में प्रति साल अच्छा फायदा कमाने के उद्देश से किसान परवल की खेती करते हैं हालांकि किसानों का यह फायदा परवल के लत्तर, जड़, और फल में लगने वाला खतरनाक सड़न बीमारी के कारण बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है परवल उत्पादकों की यह परेशानी खेतों में अधिक देखी जाती है, क्योंकि किसान आमतौर पर फसल लगाने के दौरान कई चीजों पर ध्यान नहीं देते है,जिसके कारण इस तरह के रोग से फसल ग्रसित हो जाते हैं

खास तौर पर उन खेतों में यह रोग सबसे अधिक लगती है जिन खेतों में नमी अधिक हो बिहार के परवल उत्पादक किसान वैज्ञानिक विधि से परवल की खेती करने के साथ-साथ वैज्ञानिक तकनीकी से इन बीमारी का व्यवस्था कर परवल से बेहतर उत्पादन और बेहतर फायदा दोनों प्राप्त कर सकते हैं

होती है यह बीमारी
पूसा के मुख्य वैज्ञानिक चिकित्सक संजय कुमार सिंह ने कहा किअगर बिहार की बात करें तो बिहार में परवल की खेती पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, चंपारण, सीतामढ़ी, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर और भागलपुर में की जाती है परवल की फसल में लत्तर और जड़ में सरन बीमारी लगने का प्रमुख कारण वातावरण में नमी का अधिक होना हो जाता है

उन्होंने कहा कि फाइटोपथोरा, मेलोंनिस कवक के कारण परवल के फल जड़ और लत्तर में शरण रोग होती है यह बीमारी खेतों में खड़ी फसल के अलावे फल तोड़ लिए जाने के बाद भी देखने को मिलता है कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि इस बीमारी से संक्रमित पलवल के फल जड़ और लत्तर पर गीले गहरे रंग का ढाबा बन जाता है यह धब्बे बढ़कर फल जड़ और लत्तर को सड़ा देता है तथा इन सड़े हुए जगहो से बदबू आने लगती है

 

इस बीमारी में खासकर परवल के ऐसे फल जो जमीन से सटे होते हैं वह ज्यादातर बीमारी से ग्रसित होते हैं ऐसे में परवल के पौधों को बचाने के लिए20 ग्राम कारताफ हाइड्रोक्लोराइड 50 प्रतिशत एसपी या 10 ग्राम एसिटामाइप्रिड 20 प्रतिशत एसपी तथा 35 ग्राम प्रिपनेब को 15 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें

भारत सहित इन राष्ट्रों में होती है परवल की खेती
इस संबंध में डॉराजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि यूनिवर्सिटी पूसा के सह निदेशक अनुसंधान एवं पौध बीमारी विभाग के प्रोफेसर सह मुख्य वैज्ञानिक चिकित्सक संजय कुमार सिंह ने कही है उन्होंने बोला कि विश्व में परवल की खेती हिंदुस्तान के अलावे चीन, रूस, थाईलैंड, पोलैंड, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, मिश्र तथा म्यानमार जैसे राष्ट्रों में की जाती है

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भारत में इसकी खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, मद्रास, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल तथा तमिलनाडु राज्य में की जाती है साथी उन्होंने कहा कि इन सभी राज्य के किस बड़े पैमाने पर परवल की फसल करते हैं और बेहतर उत्पादन के साथ बेहतर फायदा भी कमा रहे हैं

 

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