बिहार

एक ऐसा मंदिर जहां जानवर नहीं बल्कि चढ़ाई जाती है फल व सब्जी की बलि

सत्यम कुमार/भागलपुर : मां दुर्गा शक्ति का स्वरूप मानी जाती हैं मां दुर्गा के मंदिर में लोग मन्नत मांगते हैं कई तरह की चीजें इसमें ईश्वर को लोग चढ़ाते हैं जिसमें सबसे अधिक लोग बलि मां दुर्गा को चढ़ाते हैं लेकिन भागलपुर का एक ऐसा मंदिर है, जहां जानवर नहीं बल्कि फल और सब्जी की बलि चढ़ाई जाती है इतना ही नहीं यहां देवी को मदिरा पान भी करवाया जाता है इस मंदिर की स्थापना लगभग 100 वर्ष पहले बेटी के जन्म पर हुई थी उसी बेटी का नाम कल्याणी रखा गया था उन्हीं के नाम पर मां कल्याणी दरबार इस मंदिर का नाम रखा गया है यह मंदिर जिले के दक्षिणी क्षेत्र के मोहद्दीनगर में स्थित है

बड़ी रोचक है कहानी

यहां प्रतिमा के स्थापना और पूजा पाठ की कहानी अपने आप में काफी रोचक है इस मंदिर के समिति के अध्यक्ष राकेश रंजन केसरी ने कहा सालों पहले हमारे समाज में जमींदारी प्रथा चलती थी मंदिर का पूरा क्षेत्र जमींदार कमल धारी सिंह के अधीन था लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद भी उन्हें कोई संतान नहीं होता था उस समय किसी साधु ने कहा कि आप जगत जननी मां दुर्गा की आराधना करें

 

उसके बाद मंदिर बनाकर उन्होंने पूजा अर्चना प्रारम्भ की उसके बाद संतान की प्राप्ति हुई इसमें उन्हें पुत्री रत्न की प्राप्ति हुई जिसका नाम उन्होंने कल्याणी रखा और उसी के नाम पर इस मंदिर का नाम भी मां कल्याणी दरबार रखा गया इस मंदिर की सबसे अच्छी प्रथा है कि यहां कभी किसी भी जीव की बली नहीं दी जाती है बली की स्थान पर हम लोग प्राकृतिक फल और सब्जी पर सिंदूर लगाकर वकायदा पूजा अर्चना कर उसकी बलि देते हैं

बलि के साथ मदिरा पान भी

 

वहीं मां कल्याणी दरबार मोहद्दीनगर के सचिव प्रफुल्ल चंद्र सिंह ने कहा कि हम लोग शास्त्र के हिसाब से काम करते हैं और हमारा मानना है कि जो मां संतान देती है वह बलि कैसे ले सकती है जब महाष्टमी को दुर्गा काली का रूप धारण कर आती है तो उन्हें भोजन के रूप में हम लोग बली भी देते हैं मदिरा पान भी करवाते हैं, लेकिन यह बलि सब्जी और फल की होती है मदिरा तांबे के बर्तन में नारियल पानी को 48 घंटे तक छोड़ने पर उसमें मदिरा का रेट अनुभव होता है माता को उसी का पान करवाया जाता है हमारा पूरा समाज सतर्क है और मां दुर्गा के कारण ही सुखी संपन्न है

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