बिहार

Bhai Dooj: भाई दूज पर बहन को ये उपहार देना माना जाता है शुभ

गया भाई दूज का त्योहार कल मनाया जाएगा, जो रक्षा बंधन के बाद आता है इस दिन, भाई और बहन एक दूसरे के साथ विशेष रूप से समर्पित होते हैं और घर का खाना मिलकर खाते हैं इसके अलावा, इस दिन भाईयों के लिए, बहनों के द्वारा खास मिठाई बनाई जाती है, और बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-शांति की कामना करती हैं गया मंत्रालय वैदिक पाठशाला के पंडित राजा आचार्य बताते हैं कि इस दिन पहला कौर बहन के हाथ से खाना अत्यंत शुभ होता है, जो धन और उत्तम सम्पदा को लेकर आशीर्वाद प्रदान करता है यदि बहन नहीं हो तो मुंहबोली बहन, मौसी, मामा की पुत्री या किसी अन्य सम्बंधित महिला को बहन के रूप में मान लेना उत्तम है यदि वह भी न हो तो किसी गाय अथवा नदी को ही बहन बना लें और उसके पास भोजन करें कहने का आश्रय यह है की यमद्वितीया को कभी भी अपने घर भोजन न करें

वस्त्र और आभूषण देना माना जाता है शुभ
इस दिन बहन भाई के लिए विशेष रूप से आरती उतारती हैं, जो तीन बार होती हैं भाईदूज के दिन, भाई बहन एक दूसरे को उपहार भी देते हैं, और स्कंदपुराण के मुताबिक विशेषतः वस्त्र और आभूषण देना शुभ माना जाता है इस दिन यमुना जी में स्नान भी बहुत शुभ माना जाता है, और कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना जी में स्नान करने वाला पुरुष यमलोक के दर्शन नहीं करते इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसी दिन यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर बुलाकर सत्कार किया और उनके साथ भोजन किया था

यम, चित्रगुप्त और यम के दूतों की पूजा करें
इस दिन सबसे पहले बहन-भाई दोनों मिलकर यम, चित्रगुप्त और यम के दूतों की पूजा करते हैं और सबको अर्घ्य देते हैं बहन भाई की आयु-वृद्धि के लिए यम की प्रतिमा की पूजा करती हैं, प्रार्थना करती हैं कि मार्कण्डेय, हनुमान, बलि, परशुराम, व्यास, विभीषण, कृपाचार्य और अश्वत्थामा इन आठ चिरंजीवियों की तरह मेरे भाई को भी चिरंजीवी कर दें इसके बाद बहन भाई को भोजन कराती हैं भोजन के बाद भाई को तिलक लगाती हैं इसके बाद भाई यथाशक्ति बहन को भेंट देते हैं, जिसमें स्वर्ण, आभूषण, वस्त्र आदि प्रमुखता से दिए जाते हैं लोगों में ऐसा विश्वास भी प्रचलित है कि इस दिन बहन अपने हाथ से भाई को भोजन कराए तो उसकी उम्र बढ़ती है और उसके जीवन के कष्ट दूर होते हैं

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