बिहार

अंडे में छिपा है मोटी कमाई का फंडा, कर्ज लेकर शुरू की फार्मिंग, आज हो रही इतनी कमाई

 संडे हो मंडे, रोज खाओ अंडे’, अब यह सिर्फ़ विज्ञापन का स्‍लोगन नहीं रहा बल्कि स्वयं के सपना को पूरा करने का स्लोगन बन गया है राष्ट्र में अंडे की खपत में लगातार बढ़ोत्तरी हो रहा है जबकि बिहार भी इससे अछूता नहीं है लोग राशन की तरह ही अंडे का भी सेवन कर रहे हैं वहीं, अंडे की बढ़ती खपत पोल्ट्री फार्म का धंधा करने वालों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को अच्छी कमाई भी हो रही है

आज के समय में बेगूसराय के युवा भी लेयर फार्मिंग के क्षेत्र में अग्रसर हैं लेयर फार्मिंग करने वाले दीपक कुमार ने कहा बेरोजगारी के दौर में हमें लेयर फार्मिंग का आईडिया मिला उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 से 2015 के दौरान बिहार में बढ़ते अंडे की डिमांड ने इस उद्योग को काफी रफ्तार दिया इसी समय एग फार्मिंग शुरु किया और इससे अच्छी आमदनी भी प्राप्त कर रहे हैं

साहूकारों से 45 लाख ऋण लेकर प्रारम्भ किया एग फार्मिंग
बेगूसराय जिला के खोदावंदपुर प्रखंड के रहने वाले युवा दीपक कुमार ने कहा कि आरंभ के दिनों में बैंक ने लोन देने से मना कर दिया साहूकारों से 45 लाख रुपए ऋण लेकर 12 हजार मुर्गी का फॉर्म बनाया पहले से लेयर फार्मिंग चला रहे कई लोगों के यहां जाकर इसका ठीक तरीका और उससे होने वाली कमाई के बारे में जाना इसके बाद वर्ष 2017 से इसका संचालन कर रहे हैं एक बार लेयर फार्म में लाए गए मुर्गियां 24 महीने तक प्रतिदिन अंडा देते रहती है इस फॉर्म में मासिक वेतन पर कई श्रमिकों को रोजगार भी उपलब्ध कराए हैं

रोजाना 12 हजार तक की होती है कमाई
दीपक कुमार ने कहा कि एक चूजा करीब 5 रुपये तक में आता है और इसका वजन 35 ग्राम होता है वहीं, चार महीने तक चूजों की देखभाल करनी होती है इस बीच ये 3 किलो तक दाना खा लेते हैं इसके बाद 24 महीने तक यह अंडा देते रहती है एक मुर्गी अपने 2 वर्ष तक के व्यावसायिक जीवनकाल में 360 अंडे देती है दीपक कुमार ने कहा कि 12 हजार मुर्गी का फार्म है जबकि प्रतिदिन 10 से 12 हजार रूपए तक की कमाई हो रही है

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