बिहार पुलिस ने अबैध वसूली में प्रधानाध्यापक समेत तीन लोगों को पकड़ा रंगे हाथ
बिहार के जमुई से विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक की ओर से सड़क पर जबरदस्ती वाहनों को रोक कर अबैध वसूली करने का मुद्दा सामने आया है। हालांकि पुलिस ने इस मुद्दे में विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक समेत तीन लोगों को रंगे हाथ पकड़ा है। मुद्दा चकाई थाना क्षेत्र के दुलमपुर का है। पकड़े गए व्यक्तियों की पहचान चकाई थाना क्षेत्र के दुलमपुर निवासी मो। सफजल, मिंटू जर्रा और मो। अरशद आजाद के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार, चकाई पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि मो। अरशद आजाद जो चकाई प्रखंड के दुलमपुर उत्कर्मित मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं। वह अपने तीन साथियों के साथ कई महीनों से अपने घर दुलमपुर के पास बीच सड़क पर ब्रेकर लगाकर गैरकानूनी रूप से गैरकानूनी वसूली करता था। इसकी सूचना पुलिस को लगातार मिल रही थी। वहीं, सूचना के अनुसार पुलिस गश्ती दल ने गैरकानूनी वसूली करते तीनों को रंगे हाथ पकड़ लिया। पुलिस ने तीनों पर एफआईआर दर्ज कर पूछताछ के बाद तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। शिक्षक की गिरफ्तारी के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।
इधर, चकाई थाना के एसआई एसएन सिंह ने कहा कि अरैस्ट किए गए तीनों लोग रात में जबरदस्ती गाड़ी चालकों से गैरकानूनी वसूली कर रहे थे। साथ ही पैसे न देने की एवज में चालकों के साथ हाथापाई भी करते थे। पुलिस ने कहा कि गुप्त सूचना के आधार पर गश्ती दल के अधिकारी अखिलेश प्रसाद सिंह ने पुलिस बल के साथ तीनों को अरैस्ट किया है।
वहीं, क्षेत्रीय लोगों का बोलना है कि क्रिमिनल तो दूर अब शिक्षक भी आपराधिक घटना को अंजाम देने लगे। यदि शिक्षक ही इस तरह से रंगदारी वसूलने लगे तो वह बच्चों को क्या शिक्षा देंगे। शिक्षा विभाग को चाहिए कि अविलंब ऐसे शिक्षक पर कार्रवाई करे।