बिहार

चिराग ने पासवान जाति की आबादी को कम दिखाने का लगाया आरोप

बिहार गवर्नमेंट ने 2 अक्टूबर को जातीय गणना की रिपोर्ट जारी किया था इसके बाद से ही प्रश्न पर प्रश्न उठ रहे हैं कि राज्य गवर्नमेंट ने कई जातियों की जनसंख्या को कम दिखाया है अब इसी मामले पर बिहार गवर्नमेंट को लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान ने घेरा है

 

उन्होंने एक के बाद एक कई इल्जाम लगाए और प्रश्न उठाए हैं चिराग ने पासवान जाति की जनसंख्या को कम दिखाने का इल्जाम लगाया है उनका बोलना है कि पासवान जाति की बात करें तो सियासी फायदा के लिए इसकी जनसंख्या को कम कर दिखाने का कोशिश किया गया है

सिडनी गए हुए हैं चिराग पासवान

सिडनी में हैं चिराग
दरअसल, चिराग पासवान इस समय राष्ट्र से बाहर हैं वो प्रवासी बिहारियों से मिलने ऑस्ट्रेलिया गए हैं जिस दिन जाति आधारित गणना को जारी किया गया, उस दिन सुबह में चिराग ऑस्ट्रलिया के लिए रवाना हो चुके थे इसलिए सिडनी से उन्होंने इस मामले पर एक वीडियो जारी किया है इसमें चिराग पासवान ने बोला कि बिहार गवर्नमेंट की ओर से जातीय गणना के आंकड़े जिस तरह से जारी किए गए हैं, ये गवर्नमेंट के सियासी महत्वकांक्षाओं को दर्शाता है इसमें जाति विशेष के आंकड़ों को बढ़ाकर दिखाया गया है

जबकि, बिहार के ऐसे ही कई अन्य छोटी जातियां हैं, जिनके आकंड़ों को कम करके दिखाया गया है गवर्नमेंट इसके जरिए सियासी फायदा उठाने का कोशिश कर रही है कई ऐसी अनुसूचित जाति और जनजाति के अनुसार आने वाली छोटी जातियां हैं या पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग से आने वाली कई जातियां हैं, जिन्हें कम करके दिखाने का कोशिश अपनी सियासी महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के उद्देश्य के साथ किया गया है

कर दी है बड़ी मांग
चिराग ने बोला कि लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) पूरी तरह से बिहार गवर्नमेंट की तरफ से कराए गए इस जाति आधारित गणना को नकारती है साथ ही इसे दोबारा कराने की मांग करती है चिराग ने इल्जाम लगाया कि इसमें पारदर्शिता नहीं बरती गई है कई लोगों ने कॉल कर कहा है कि उनसे तो किसी ने पूछा भी नहीं इसमें न तो सियासी कार्यकर्ताओं से पूछा गया और न ही आम बिहारी से

यह दर्शाता है कि मौजूदा बिहार की महागठबंधन गवर्नमेंट इस गणना का सियासी फायदा उठाना चाहती है ऐसे में हम चाहते हैं कि नए सिरे से और पूरी पारर्दशिता के साथ जातिगत जनगणना हो इसके प्रोसेस की जानकारी सभी को हो, ताकि हर जाति के जनसंख्या की ठीक जानकारी जनता के सामने आ सके

 

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