हाजीपुर सीट को लेकर चिराग पासवान ने कहा…
पटना। लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीनों का समय रह गया है, ऐसे में सभी की निगाहें अब बिहार की हाई प्रोफाइल सीटों पर भी जा टिकी है। बिहार की हाजीपुर सीट भी हाई प्रोफाइल सीटों से आती है। इस सीट पर चाचा-भतीजा अपनी दावेदारी को लेकर आमने-सामने हैं। एक तरफ जहां रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान हैं तो उनके सामने रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस भी हैं।
हाजीपुर की जनता चिराग पासवान का प्रतीक्षा कर रही है, इस मुद्दे पर चिराग ने बोला मैं स्वयं हाजीपुर के लिए उतना ही बेसब्री से मैं चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि हाजीपुर का सेवा का मौका मिले। मेरे पिता के जाने के बाद मैंने हर संभव कोशिश किया है कि मैं हाजीपुर के लोगों के साथ जुड़ पाऊं। उनके कुछ काम आता हूं मै पुनः दोहराता हूं, यह गठबंधन के भीतर लिए जाने वाले निर्णय हैं। चिराग ने बोला कि मैं गठबंधन की मर्यादा को नही तोडूंगा। मैं अंदर की कोई बात को सर्वजनिक नहीं करूंगा।
जमुई सांसद ने बोला कि गठबंधन के भीतर एक आम राय बनने से पहले गठबंधन में वार्ता हो रही है और जो पर्टिकुलर विषय पर आप जिक्र करें हाजीपुर को लेकर वार्ता को लेकर वह चुकी है। जो दूसरे दावे कर रहे हैं उनके तो अभी वार्ता नहीं हो पाई। उनको तो मिलने का समय भी नहीं मिल पाया अभी तक, ऐसे में कौन वहां से चुनाव लड़ता है मुझे लगता है अब बहुत अधिक दिनों का प्रतीक्षा नहीं लगता है सप्ताह 10 दिन के भीतरी क्लियर हो जाएगा।
तेजस्वी यादव की जन विश्वास यात्रा पर चिराग पासवान ने बोला कि जनता के बीच किसी भी जनप्रतिनिधि, नेता को अधिक से अधिक जनता के बीच रहना चाहिए। ऐसे में जब वह यात्रा पर निकले हैं तो यकीनंन उनको भी इस बात का अनुभव होगा कि पिछले 17 महीना में उनकी गवर्नमेंट ने क्या किया और जनता के बीच वह अपनी बातों को कितनी पहुंचा पाए। इस यात्रा से यह बातें समझ में आएगी।
चिराग पासवान ने बोला कि 40 की 40 सीटों पर हमलोग तैयारी कर रहे हैं। मैं केवल अपनी सीटों पर ध्यान दूं मेरे गठबंधन मेरे संगठन का फायदा नहीं हो तो फिर लाभ क्या गठबंधन होने का। आज की तारीख में यदि मैं एनडीए गठबंधन में हूं, बीजेपी के संगठन का फायदा यदि मुझे नहीं मिले तो मेरा उसे गठबंधन होने का फायदा क्या है। उसी ढंग से जिस गठबंधन का हिस्सा हम लोग हैं हमारे सहयोगी को भी उतना फायदा मिले उसे सोच के साथ हर जिले में हर लोकसभा में हमारा संगठन मजबूत है उसे सोच के साथ इस जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी को दी गई है।
नीतीश कुमार के सीएम बनने से क्या चिराग पासवान नाराज हैं, इस पर चिराग पासवान ने बोला कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। महागठबंधन में जाने का निर्णय भी सीएम नीतीश कुमार का ही था। मैं बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट को लेकर आगे बढ़ा हूं। मेरा विश्वास मेरे पीएम आदरणीय नरेंद्र मोदी जी पर है। मुझे नहीं पता कि लालू प्रसाद यादव का ऑफर कौन स्वीकार करता है। लोकसभा के चुनाव सिर पर हैं अपने गठबंधन को मजबूती देते हुए जनता से जुड़े हुए विकास के कार्यों को जनता के मुद्दों को उठाते हुए चुनावी समर में उतारने का हम लोगों को कोशिश करना चाहिए।