बिहार

जमीन के बदले नौकरी मामले में ED ने लालू-तेजस्वी को पूछताछ के लिए भेजा समन

पटना केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी प्रवर्तन निदेशालय ने एक बार फिर से बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और उसके पुत्र और डिप्टी मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए समन भेजा है जांच एजेंसी के द्वारा होने वाली पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय मुख्यालय में बुलाया गया है जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि तेजस्वी यादव को 22 दिसंबर और 27 दिसंबर को लालू प्रसाद यादव को पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित मुख्यालय में बुलाया गया है

दरअसल जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय जमीन के बदले जॉब देने के फर्जीवाड़ा और मनी लॉन्ड्रिंग मामले  में इन दोनों आरोपियों से पूछताछ करना चाहती है हालांकि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव सहित लालू परिवार के कई सदस्यों से पहले भी जांच एजेंसी के द्वारा पूछताछ की जा चुकी है लेकिन, पिछले कुछ दिनों कुछ ऐसे आरोपियों का बयान दर्ज हुआ है जो लालू परिवार के बहुत करीबी हैं और उसके द्वारा दर्ज बयान के आधार पर लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से प्रवर्तन निदेशालय की टीम विस्तार से पूछताछ करना चाहती है

जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की दिल्ली जोन के तफ्तीश कर्ताओं के द्वारा 11 नवंबर को अमित कत्याल नाम के एक आरोपी को अरैस्ट किया था जांच एजेंसी के सूत्र के मुताबिक इसका बिहार के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव उनके पुत्र तेजस्वी यादव जो मौजूदा समय में बिहार गवर्नमेंट में उपमुख्यमंत्री भी हैं उनके साथ आरोपी का बहुत ही करीबी संबंध है लेकिन घोटाले से जुड़े मुद्दे की यदि बात करें तो जमीन के बदले जॉब देने के मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय की तफ्तीश के दौरान रियल स्टेट व्यवसायी अमित कत्याल और मेसर्स  एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड (M/s AK Infosystem Pvt.Ltd ) , मेसर्स आइसबर्ग होटल और रिजॉर्ट लिमिटेड नाम की कंपनी का नाम सामने आया था

अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद मिली कई जानकारी 

लिहाजा जब उससे जुड़े इस मुद्दे की तफ्तीश का दायरा जब आगे बढ़ाया गया तो उसका सियासी शख़्सियतों और उससे जुड़े अन्य लोगों के साथ संदिग्ध लेनदेन और प्रॉपर्टी के लेनदेन का कनेक्शन सामने आया, जिसके बाद उसकी विस्तार से जांच पड़ताल करने और उसके बारे में पूछताछ करने के लिए अमित कत्याल को पूछताछ का समन भेजा गया लेकिन, वो उस समन को दरकिनार करने लगा और पिछले दो महीने से लगातार समन मिलने के बावजूद वो जांच एजेंसी के सामने नहीं आ रहा था लिहाजा इस मुद्दे में जांच एजेंसी के द्वारा कार्रवाई को अंजाम देते हुए अमित कात्याल को अरैस्ट किया गया था उसके बाद उससे कई दिनों तक पूछताछ की गई और उसका बयान लिखित तौर पर दर्ज किया गया था

करीब 600 करोड़ का है पूरा मामला 

जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय के सूत्र के अनुसार जमीन के बदले जॉब देने का ये मुद्दा करीब 600 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का है जांच पड़ताल के दौरान अब तक करीब 250 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित सबूतों को और काफी गैरकानूनी लेनदेन सहित करीब 350 करोड़ के गैरकानूनी चल अचल संपत्तियों से संबंधित इनपुट्स को इकट्ठा किया जा चुका है इस मुद्दे में जांच एजेंसी अब तक काफी जरूरी सबूतों को जमा कर चुकी है , लेकिन कानूनी प्रावधान है कि आरोपियों का बयान दर्ज करना और उसके उत्तर का शोध करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है लिहाजा इस मुकदमा में पिछले कुछ समय से लगातार पूछताछ के लिए कई आरोपियों को जांच एजेंसी द्वारा बुलाया जा रहा है

तेजस्वी समेत अन्य सदस्यों से हो चुकी है पूछताछ  

केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी प्रवर्तन निदेशालय के दिल्ली स्थित  मुख्यालय में मंगलवार 11 अप्रैल को लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए बुलाया गया था पूछताछ जमीन के बदले जॉब देने से संबंधित मुकदमा मुद्दे में और तेजस्वी यादव से संबंधित उसके दिल्ली वाले एक प्रॉपर्टी के बारे में भी पूछताछ की गई थी हालांकि इस मुकदमा में तेजस्वी यादव का नाम एफआईआर में नहीं दर्ज है लेकिन इस मुद्दे की तफ्तीश के दौरान जांच एजेंसी को जिस तरह के सबूत और कई अन्य आरोपियों के दर्ज बयानों के आधार पर तेजस्वी यादव का नाम सामने आया था उसी के आधार पर तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए बुलाया गया था

CBI भी कर चुकी है तेजस्वी यादव से पूछताछ  

इसी वर्ष 2023 में  25 मार्च को केंद्रीय जांच एजेंसी CBI के द्वारा तेजस्वी यादव से और उसी दिन उनकी बड़ी बहन मीसा भारती से जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा  कई घंटों की पूछताछ कर चुकी है सीबीआई द्वारा ये पूछताछ दिल्ली स्थित CBI मुख्यालय में की गई थी जमीन के बदले जॉब देने का ये मुद्दा तो हालांकि उस समय का है जब तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद यादव केन्द्रीय रेल मंत्री होते थे उसी दौरान एक विशेष जाति समूह और बिहार के एक विशेष विधानसभा में रहने वाले कई लोगों को रेलवे में जॉब दिलाने के बदले में उसकी बेशकीमती जमीन लेने का इल्जाम है जांच एजेंसी के अनुसार वही जमीन बाद में लालू प्रसाद के इशारे पर उनकी पत्नी राबड़ी देवी,  उनके पुत्र तेजस्वी यादव और मीसा भारती , हेमा यादव सहित अन्य बेटियों  के नाम से की गई थी जांच एजेंसी इस मुद्दे में यही जानना चाहती है की क्या इस मुद्दे की जानकारी उन्हें थी या नहीं ? इसके साथ ही लालू परिवार के कई सदस्यों के नाम से कई प्रॉपर्टी कैसे उसके नाम से हुई है इस तरह के कई प्रश्न हैं जिसका उत्तर जांच एजेंसी पड़ताल करने में जुटी है वहीं इस पूछताछ की समाचार आने के बाद बिहार में राजनीतिक तापमान भी बढ़ गया है और तरह के कयास लगाए जा रहे हैं

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