बिहार

बिहार के इस कोर्ट में मृत्यु के बाद भी ट्रैक्टर के मालिक को मिल गई बेल

जमुई: बिहार में अब मुर्दों पर भी ध्यान केंद्रित हो रहा है, क्योंकि मुर्दों के बारे में बेल की मांग बढ़ रही है कुछ दिन पहले दशहरा के दौरान छपरा, बिहार में पुलिस ने चार मुर्दों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की थी, जबकि अब जमुई में एक मुर्दे ने न्यायालय से जमानत प्राप्त की है इस पर बिहार पुलिस का खास ध्यान जा रहा है और इसका टकराव चर्चा का विषय बन चुका है

नया मुद्दा जमुई जिले से सामने आया है, जहां एक मुर्दा ने व्यवहार कोर्ट में बेल की मांग की है  इसके परिणामस्वरूप, उसके परिजन बेल के कागजात के साथ थाना पहुंचे, लेकिन इसके पहले कुछ घटनाएं हुईं, जिन्होंने इस मुद्दे को अधिक चर्चा का विषय बनाया है यह मुद्दा गैरकानूनी बालू व्यापार के साथ जुड़ा है, जिसमें पुलिस ने जमुई सदर थाना क्षेत्र के लखापुर गांव से हाल ही में एक बालू लोड ट्रैक्टर को बरामद किया था

मृत्यु के बाद भी ट्रैक्टर के मालिक को मिल गई बेल
जब पुलिस ने उस ट्रैक्टर को बरामद किया, उसके मालिक जय नारायण सिंह के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी पुलिस स्टेशन में बरामद गाड़ी को छुड़ाने के लिए गाड़ी मालिकों को न्यायालय के पास जमानत के कागजात लेकर आना था जय नारायण सिंह ने जमानत की अर्जी दी, और इसकी स्वीकृति हो गई हालांकि, इस पूरी कहानी का सबसे अद्वितीय पहलू यह है कि जय नारायण सिंह की मृत्यु 19 जुलाई 2019 को हो चुकी थी  जब परिजन जमानत के कागजात लेकर बेल कराने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचे, तो उस घड़ी काण्ड के अनुसंधानकर्ता को इस बात की जानकारी मिली, और उन्होंने चौकीदार के माध्यम से जानकारी प्राप्त की, जिसके बाद सारी गिरफ्तारी का खेल खेला गया

फर्जी आधार कार्ड के जरिए न्यायालय से ली थी जमानत
मामले में बचाव पक्ष के वकील राजीव रंजन कुमार और कुछ अन्य व्यक्तियों ने मिलकर जय नारायण सिंह की स्थान लखापुर गांव के निवासी मोनू सिंह का फोटो चिपका कर एक फर्जी आधार कार्ड बनवाया और उसी के जरिए न्यायालय से जमानत ले ली हालांकि अभी मुद्दे में पुलिस ने दो लोगों को अरैस्ट किया है  पुलिस अधीक्षक डाक्टर शौर्य सुमन ने कहा कि मुद्दे में बचाव पक्ष के वकील राजीव रंजन कुमार, गाड़ी के वर्तमान मालिक मुकेश सिंह उर्फ बमबम सिंह, मोनू सिंह उर्फ रमाकांत सिंह, जमानत करने वाले राम बहादुर सिंह, गोविंद मांझी, निशु सिंह, बबीता देवी और राहुल सिंह के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज की गई है

कैसे दर्ज की गई प्राथमिकी यह भी है बड़ा सवाल
मृत आदमी की जमानत कराकर गाड़ी को छुड़ाने का कोशिश अवैध होता है, लेकिन इस पूरे मुद्दे में एक बड़ा प्रश्न उठता है कि जिस समय पुलिस ने गैरकानूनी बालू लदे ट्रैक्टर को बरामद किया था, तब गाड़ी के मालिक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी वर्ष 2019 में ही उसकी मौत हो गई थी और पुलिस ने 2023 में उक्त गाड़ी को बरामद किया था यहां एक जरूरी प्रश्न उठता है: कैसे हो सकता है कि जिस दिन पुलिस ने गैरकानूनी बालू लदे ट्रैक्टर को बरामद किया, उस दिन गाड़ी के मालिक जय नारायण सिंह इस दुनिया में उपस्थित नहीं थे? इससे यह प्रश्न उठता है कि क्या पुलिस गाड़ी को बरामद करने के बाद प्राथमिकी दर्ज करते समय गाड़ी के मालिक की पहचान और सत्यता की जांच करती है? इसके अलावा, यह मुद्दा सिर्फ़ एक ही नहीं है; ऐसे और कई मुद्दे सामने आए हैं, जैसे नवरात्रि के दौरान छपरा में, जहां पुलिस ने एक पूजा अखाड़ा के 9 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें चार लोग इस दुनिया में ही नहीं थे ऐसा ही मुद्दा जमुई में भी सामने आया है

Related Articles

Back to top button