Lok Sabha Election: उद्धव ठाकरे से हुई नीतीश कुमार की बात, इस बात की हुई तैयारी
लोकसभा चुनाव की घोषणा होने में अब बहुत अधिक समय नहीं बचा है, लेकिन इण्डिया अलायंस में सीट शेयरिंग पर कोई ठोस नहीं निकलकर आया है। इस बीच जदयू के कुछ कदमों ने इण्डिया गठबंधन की बेचैनी को बढ़ा दिया है। बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए अपने तीन उम्मीदवारों के नाम की स्थिति साफ करने के बाद जेडीयू ने अरुणाचल प्रदेश में अरुणाचल वेस्ट से रूही टांगुंग को लोकसभा उम्मीदवार उतारकर संशय को और बढ़ा दिया है। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उद्धव ठाकरे के बीच बात हुई जिससे कुछ और संकेत मिलने लगे हैं।
बता दें कि संजय राउत ने बोला था कि, इण्डिया गठबंधन में कांग्रेस पार्टी के सिवाय जो अन्य विपक्षी दल हैं उनसे संवाद करने की प्रयास हो रही है। कांग्रेस पार्टी कई चीजों में अभी उलझी हुई है उनकी इन्साफ यात्रा भी प्रारम्भ होने वाली है।। उनकी अन्य बैठकें चल रही हैं। उनपर अधिक भार ना डालते हुए इण्डिया गठबंधन का संगठक बनने की जिम्मेदारी सभी को लेनी चाहिए ऐसी हमारी किरदार है। इसी संदर्भ में कल उद्धव और नीतिश कुमार की वार्ता हुई।
बता दें कि बुधवार को जेडीयू अध्यक्ष एवं बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पार्टी के पहले कैंडिडेट की घोषणा कर दी है और अरुणाचल प्रदेश में अपना पहला प्रत्याशी उतारा है। नीतीश कुमार ने जिस अरुणाचल पश्चिम सीट से रुचि टांगुंग को टिकट दिया है, वहां से अभी केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू सांसद हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नबाम तुकी को हराया था।
हालांकि, यहां यह भी बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में अभी भाजपा की गवर्नमेंट है। वहां, जेडीयू के अतिरिक्त कांग्रेस पार्टी भी यहां प्रमुख जगह रखती है। ऐसे में नीतीश कुमार के इस कदम को बीजेपी के विरोध में बताया जा सकता है, लेकिन इतना अवश्य है कि नीतीश कुमार की इस घोषणा से इण्डिया गठबंधन के भीतर की खींचतान जरूर सतह पर ला दी है।
गौरतलब है कि विपक्षी दलों के इण्डिया गठबंधन की अब तक चार बैठकें पटना, बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली में हो चुकी हैं, लेकिन सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर कुछ ठोस नहीं निकलकर आया है। इसी बीच नीतीश ने बिहार की सीतामढ़ी, मुंगेर और दरभंगा सीट की स्थिति साफ करने के बाद जेडीयू ने बिहार से बाहर अपना पहला कैंडिडेट घोषित कर दिया है।
यह इसलिए भी जरूरी है कि नीतीश कुमार ने जेडीयू की कमान फिर अपने हाथ में लेने के बाद पांच दिनों में पार्टी का पहला कैंडिडेट उतार दिया और उन्होंने इण्डिया गठबंधन में शामिल दलों को भी संकेत दे दिया है कि वह सीटों का बंटवारा जल्द चाहते हैं। नीतीश के इस कदम से विपक्षी दलों के इण्डिया गठबंधन में हड़कंप मच सकती है।
राजनीति के जानकार बताते हैं कि सीट शेयरिंग में पेंच फंसे रहने की स्थिति में नीतीश कुमार इण्डिया गठबंधन से अलग किसी तीसरे मोर्चे के विकल्प पर भी सोच सकते हैं। इस रणनीति के अनुसार ही शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात भी की थी। इस बात की पुष्टि शिवसेना के नेता संजय राउत ने भी की है।