बिहार

सिर्फ विभागीय योजनाओं का लाभ के लिए नामांकित बच्चों का कटेगा नाम

सहरसा जब से शिक्षा विभाग की कमान केके पाठक ने संभाली है, तब से शिक्षा विभाग में लगातार नए-नए आदेश जारी किए जा रहे हैं शिक्षा प्रबंध में सुधार के लिए कई नियम भी लागू किए जा रहे हैं इसका असर भी दिख रहा है अब कम बच्चों की उपस्थिति वाले विद्यालयों को चिन्हित करते हुए क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी वहां लगातार नज़र करेंगे, ताकि उन विद्यालयों में बच्चों कीउपस्थिति 50 फीसदी से अधिक हो सके

अभी भी जिले में 20 फीसदी से अधिक विद्यालय ऐसे हैं, जहां विद्यार्थियों की उपस्थिति 50 फीसदी से कम है कम बच्चों की उपस्थिति वाले एक-एक विद्यालय में आरडीडीई, डीईओ और डीपीओ स्वयं से निरीक्षण करेंगे वे नामांकित हरेक छात्र-छात्रा और उनके अभिभावकों से बात कर बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करेंगे इसके अतिरिक्त विभाग के वरीय ऑफिसरों को पांच-पांच विद्यालय को गोद लेने का निर्देश दिया गया है इन विद्यालयों में पदाधिकारी लगातार जाएंगेहर एक विद्यार्थी और उनके अभिभावकों से बात करेंगे जो छात्र 3 दिन लगातार अनुपस्थित रहेगा, उसे एचएमनोटिस देंगे 15 दिन तक लगातार अनुपस्थित रहने पर विद्यार्थी का नामांकन रद्द किया जाएगा

बच्चों की होगी ट्रैकिंग
जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार बताते हैं कि कम मौजूद वाले विद्यालय में नामांकित बच्चों की ट्रैकिंग की जाएगी इससे यह देखा जाएगा कि वह कहीं एक ही साथ दो विद्यालयों में तो नहीं पढ़ रहा है ऐसे विद्यार्थी नाम कटने के डर से लगातार 15 दिन अनुपस्थित नहीं रहते हैं बीच-बीच में विद्यालयों आते रहते हैं ऐसा सरकारी योजनाओं के फायदा के लिए भी किया जाता है इस कारण से ट्रैकिंग का निर्देश दिया गया है

सिर्फ फायदा के लिए नामांकित बच्चों का कटेगा नाम
सिर्फ विभागीय योजनाओं का फायदा लेने के लिए सरकारी विद्यालयों में नामांकित बच्चों का नामांकन रद्द करने का निर्देश दिया गया है इससे गवर्नमेंट को राजस्व की भी बचत होगी डीबीटी प्राप्त करने के उद्देश्य से वैसे छात्र-छात्रा जिन्होंने सरकारी विद्यालयों में दाखिला ले लिया है, जबकि वह जिले के या जिले के बाहर के निजी विद्यालयों में पढ़ाई करते हैं वैसे बच्चों को अब चिन्हित कर उनका नामांकन रद्द किया जाएगा

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