यहां बुजुर्गों की एक संस्था है, जो किसी वरदान से कम नहीं
60 के बाद बुजुर्गों की जीवन में कई अहम मोड़ आते हैं। लगातार कई वर्षों तक काम करने के बाद जब वह सेवानिवृत्त होते हैं, तब उन्हें बहुत सी चीजें खलती हैं। लेकिन छपरा में बुजुर्गों की एक संस्था है, जो किसी वरदान से कम नहीं है। इस संस्था से अवकाश प्राप्त प्रोफेसर, शिक्षक, अधिकारी जुड़े हुए हैं। छपरा के शाह बनवारी लाल सरोवर पर इस संस्था का कार्यालय है, जहां शाम में दर्जनों बुजुर्ग इकट्ठा होते हैं। इस संस्था का नाम वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति है, जो इनकी सभी जरूरतों को पूरा करती है।
मिलता है काफी सुकून
वरिष्ठ नागरिकों की मानें, तो यहां आने से उन लोगों को काफी शाँति मिलता है। हालांकि संस्था के द्वारा बुजुर्गों से जुड़ी समस्याओं का भी निवारण किया जाता है। जैसे रिटायरमेंट के बाद पेंशन से सम्बन्धित परेशानी हो या पारिवारिक समस्या, पता लगने पर संस्था के द्वारा उस विषय पर गंभीर चर्चा की जाती है। उस परेशानी के निवारण के लिए मुनासिब कार्रवाई की जाती है। यदि किसी आदमी के घर पर कोई परेशानी होती है, तो उनके घर पहुंचकर परिवार के सदस्यों से मिलकर वार्ता की जाती है और मुद्दे का निपटारा किया जाता है।
मनोरंजन के साथ यह प्रबंध भी
प्रत्येक शाम दर्जनों की संख्या में यहां बुजुर्ग आदमी हंसते-खिलखिलाते, मनोरंजन करते और बुक पढ़ते नजर आते हैं। यहां पढ़ने के लिए सभी ग्रंथ, सहित अन्य पुस्तक भी मौजूद हैं। यही नहीं, मनोरंजन के लिए तबला, झाल, ढ़ोलक सहित कई प्रकार के वादक इंस्ट्रूमेंट भी रखा गया है। यह संस्था अपने सदस्यों के अतिरिक्त समाज भलाई के लिए भी सेवा देती है। संस्था के द्वारा प्रत्येक रविवार को ब्लड प्रेशर शुगर जांच शिविर का भी आयोजन किया जाता है। सुबह 10 बजे से शिविर शाह बनवारी लाल सरोवर पर प्रत्येक रविवार को नि:शुल्क संचालित किया जाता है, जहां सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचकर शिविर का फायदा लेते हैं।
संस्था में जुड़ने का यह है मानक
संस्था के सचिव कल्याण अधिकारी मुजफ्फरपुर से अवकाश प्राप्त शिवनाथ प्रसाद ने कहा कि संस्था से जुड़ने वाले आदमी की उम्र 60 साल से ऊपर होनी चाहिए। जुड़ने के लिए सबसे पहले एक आवेदन लिखना पड़ता है। आवेदन के बाद 100 रुपए देना पड़ता है। इसके बाद एक फॉर्म मिलता है, जिसमें कुछ नियम हैं। उसे भरने के बाद संस्था से लोग जुड़ते हैं और उन्हें आईकार्ड दिया जाता है। शिवनाथ ने कहा कि संस्था से जुड़ने वाले आदमी को संस्था हर संभव सहायता करती है। कार्यालय पर रोजाना दर्जनों की संख्या में लोग आते हैं और एक-दूसरे से अपने दिल की बात करते हैं, जिससे उन्हें काफी शाँति मिलता है।