समस्तीपुर का यह किसान एक एकड़ में कद्दू की खेती कर लागत का तीगुणा कर रहा कमाई
समस्तीपुर: आज कल खेती का ट्रेंड बदला हुआ है। कम लागत और मौसमी फसल लगाकर कई गुणा अधिक फायदा किसान कमा रहे हैं। ऐसे ही एक किसान है मंचून। जो धान-गेहूं और मक्का की खेती नहीं कर सब्जी की खेती कर रहे हैं। ऐसे में सिजनल काफी कमाई हो जाती है। इसके साथ ही हानि और मेहतन भी कम लगता है। समस्तीपुर का यह किसान एक एकड़ में कद्दू की खेती कर रहा है। इससे लागत का तीगुणा कमाई कर रहा है।
युवा किसान मंचून कुमार ने कहा कि हमलोग अपने खेतों में काफी मेहनत कर परंपरागत खेती करते थे। पर उससे अनुकूल फायदा नहीं होता था। कभी-कभी ऐसा होता है कि हम लोग लागत भी नहीं निकल पाते थे। ऐसे में हमने खेती और फसल दोनों बदल दिए। आज मौसम के अऩुसार सब्जी की खेती करते हैं। इसमें लागत से अधिक फायदा होता है। साथ ही खेत से सारा माल बिक जाता है। अभी कद्दू की खेती कर रहे हैं। इस समय डेली कद्दू निकलता है, जिससे व्यापारी खेत से ही खरीद कर ले जाते हैं। ऐसे में ही फायदा अधिक होता है। उन्होंने कहा कि 30 हजार की लागत थी। आशा है कि एक लाख का फायदा कमा लेंगे।
इन जिलों से आते हैं व्यापारी
किसान मंचून ने कहा कि कद्दू की फसल में लाभ है। सीजन में व्यापारी खेत से ही सारा माल खरीद लेते हैं। अभी एक उन्होंने एकड़ में हम कद्दू का फसल लगाया हुआ है। जिसमें यदि खर्च की बात करें तो करीब 30 हजार रुपए खर्च लगा है, जिसमें खेत जुताई से लेकर फसल लगाने के ढाढ तक का खर्च शामिल है। वहीं यदि इसमें मुनाफे की बात करें तो करीब एक लाख से अधिक फायदा कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका ताजा कद्दू समस्तीपुर, दरभंगा, जयनगर, मधुबनी आदि जिले में जाता है। यह केमिकल रहित उपजता है। इससे स्वास्थ्य और स्वाद दोनों ठीक रहता है।
हर दूसरे दिन टूटा है कद्दू
किसन मंचून ने कहा कि कद्दू का पौधा रोपने के 65 दिन बाद से फलना सुरु हो जाता है। कद्दू 2 दिन बीच करके 200 से 250 पीस तोड़ते हैं। वहीं एक पीस कद्दू 20 से 30 रुपए में बिकता है। मौसम के अनुकूल कद्दू का दर रहता है। इसका दर घटता-बढ़ता रहता है। डेढ़ महीने के बीच में फल अधिक देने लगता है। उस समय 300 से 400 पीस कद्दू निकलता है।