पटना :आयुर्वेदिक कॉलेजों में शिक्षक बनने के लिए इस टेस्ट को पास करना होगा अनिवार्य
पटना। देश में अब आयुर्वेदिक, सिद्धा और यूनानी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षक बनने के लिए एनटीईटी यानी नेशनल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट को पास करना जरूरी होगा। जो एनसीआईएसएम यानी नेशनल कमीशन फॉर भारतीय सिस्टम ऑफ मेडिसिन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के मुताबिक नामित ऑफिसरों द्वारा ही आयोजित की जाएगी। इस आलोक में संबंधित निर्देश के पत्र को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एएसयू कॉलेजों, विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार, प्राचायों, डीन और डॉयरेक्टर को भेज दिया गया है।
परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य
बताते चलें कि निर्देश के मुताबिक एनटीईटी में 50 फीसदी या उससे अधिक अंक प्राप्त करने पर ही उम्मीदवार को उत्तीर्ण माना जाएगा और प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। ये परीक्षा प्रति साल मई में आयोजित की जाएगी। परीक्षा पास करने के बाद मिलने वाली डिग्री 10 सालों के लिए मान्य होगी। डाक्टर शशिभूषण कुमार ने कहा कि यह नियम नए पीजी डिग्रीधारी डॉक्टर्स पर लागू होगा। हालांकि, अभी सभी नियमों को लेकर स्पष्टता नहीं है।
वर्तमान में साक्षात्कार से होती है भर्ती
डॉक्टर शशिभूषण ने कहा कि वर्तमान में आयुष चिकित्सा शिक्षक साक्षात्कार के माध्यम से भर्ती किए जाते हैं। गौरतलब है कि इस वर्ष जिन मेडिकल कॉलेजों के प्रारम्भ होने की आसार है, उनमें राम-जानकी मेडिकल कॉलेज समस्तीपुर, सरकार मेडिकल कॉलेज छपरा और सरकार मेडिकल कॉलेज झंझारपुर शामिल है। इन तीनों मेडिकल कॉलेज के भवनों का निर्माण कार्य लगभग पूरा भी हो चुका है।
2025-26 में प्रारम्भ होंगे ये कॉलेज
बताते चलें कि सरकार मेडिकल कॉलेज वैशाली, सरकार मेडिकल कॉलेज सीतामढ़ी, सरकार मेडिकल कॉलेज मोतिहारी, लोहिया मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल सुपौल, सरकार मेडिकल कॉलेज जमुई, सरकार मेडिकल कॉलेज बक्सर, सरकार मेडिकल कॉलेज सिवान, जीएमसी आरा, जीएमसी बेगूसराय, सरकार कॉलेज मुंगेर, जीएमसी, सहरसा और सरकार मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल गोपालगंज की आरंभ 2025 तक होने की आशा है। इससे राज्य में आयुष डॉक्टरों के रिक्त पदों को भरने में भी सहायता मिलेगी।