बिहार

बिहार में हुआ ट्रेन हादसा: काफी देर बाद लोगों को पता चला असली कारण

 हावड़ा-नई दिल्ली मुख्य रेल लाइन के झाझा रेलवे स्टेशन के नजदीक शुक्रवार को अचानक चीख- पुकार मच गई और लोग इधर से उधर भागने लगे एनडीआरएफ की टीम पहुंची और घायलों का बचाव प्रारम्भ कर दिया इसे पढ़कर आप यह मत समझ लीजिएगा कि इस रेलवे ट्रैक पर किसी प्रकार की कोई रेल हादसा हुई है हालांकि लोगों को भी यही लगा कि यहां कोई ट्रेन एक्सीडेंट हो गया है और लोग बचाव कार्य में लग गए जब तक लोगों को असल बात का पता चलता, तब तक लोगों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया लोग यह समझने की प्रयास करने लगे कि आखिर ये सब क्या चल रहा है

झाझा रेलवे स्टेशन के पास चला रेलवे और एनडीआरएफ का मॉक ड्रिल
किउल-जसीडीह रेलखंड के झाझा रेलवे स्टेशन के नजदीक शुक्रवार को झारखंड के देवघर और पटना के बिहटा से एनडीआरएफ की टीम पहुंची थी इस दौरान बड़ी संख्या में रेलवे के अधिकारी भी उपस्थित थे ट्रेन की दो बोगी एक-दूसरे पर चढ़ी हुई थी और बचाव का कार्य चल रहा था लेकिन जिसने भी यह देखा उसे लगा कि यहां कोई बड़ा ट्रेन दुर्घटना हो गया है इसके बाद वहां इर्द-गिर्द के लोगों की भी भीड़ लग गई और लोग बड़े ध्यान से यह सब देखने लगे करीब 1 घंटे से भी अधिक समय तक लगातार यह सब कुछ चलता रहा घायलों को ट्रेन से निकाला जाने लग और उन्हें पास ही बने एक मेडिकल कैंप में उपचार के लिए भर्ती कराया जाने लगा लोगों को त्वरित इलाज दिया जाने लगा, लेकिन यह सब कुछ किसी रेल हादसे का हिस्सा नहीं थाशुक्रवार को झाझा रेलवे स्टेशन के नजदीक जिसने भी एनडीआरएफ की टीम को एक्शन में देखा, हर किसी को यही लगा कि यहां किसी प्रकार का बड़ा रेल दुर्घटना हुआ है जबकि ऐसा नहीं था और यह मॉक ड्रिल का हिस्सा था शुक्रवार को किउल-जसीडीह रेलखंड के झाझा रेलवे स्टेशन के नजदीक एनडीआरएफ के द्वारा मॉक ड्रिल किया गया जिसमें अचानक हुए रेल हादसे के दौरान कैसे लोगों की जान बचाई जाए और उन्हें किस प्रकार से सहायता पहुंचाई जाए, इसका ड्रिल किया जा रहा था एनडीआरएफ के ऑफिसरों ने कहा कि भविष्य में यदि किसी प्रकार की हादसा होती है, तो तुरंत कैसे कंट्रोल किया जा सके, इसकी जानकारी देने के लिए एनडीआरएफ के द्वारा यह ड्रिल किया गया है

एनडीआरएफ और रेलवे ने मिलकर किया मॉक ड्रिल
इस मॉक ड्रिल को लेकर रेलवे और एनडीआरएफ के द्वारा पूरी तैयारी की गई थी हादसा की स्थिति बनाने के लिए एक ट्रेन के डब्बे को दुर्घटनाग्रस्त कराकर दूसरी ट्रेन के डब्बे पर चढ़ा दिया गया था पास ही में एक मेडिकल कैंप बनाया गया था रेलवे कंट्रोल रूम में वरीय पदाधिकारी को तैनात किया गया था जिस प्रकार हादसा के बाद स्थिति तैयार की जाती है, ठीक उसी प्रकार लोग काम कर रहे थे करीब घंटे भर से अधिक चले इस मॉक ड्रिल में लोगों को तुरंत बचाव की सभी जानकारियां दी गई

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