बिहार

पटना में दो दिवसीय फर्टीलिटी संरक्षण नेशनल कॉन्फ्रेंस का हुआ आयोजन

कैंसर अपने आप में ही एक बहुत बड़ी रोग है यह होता परिवार के एक सदस्य को लेकिन इससे जूझते परिवार के सभी लोग इसके बाद कैंसर का जो ट्रीटमेंट चलता है उससे लोगों के अंदर प्रजनन की प्रॉब्लम देखी जाती है जिस कारण कई दंपति या फिर सिंगल लोग स्वयं के बच्चे पैदा करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं इसी को देखते हुए शनिवार को पटना में दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसके अनुसार निःसंतानता के उपचारों की विभिन्न तकनीकों पर वार्ता करने के लिए देशभर के 300 से अधिक डॉक्टर पटना में आयेपटना में दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का हुआ आयोजन

300 से भी अधिक चिकित्सक ले रहे हैं भाग

इंडियन प्रजनन सोसाइटी बिहार चैप्टर, मणिपाल एसोसिएशन ऑफ़ एम्ब्र्योलॉजिस्ट, पीओजीएस के द्वारा पटना में शनिवार को फर्टीलिटी संरक्षण पर दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया इस नेशनल कॉन्फ्रेंस का मुख्य मेहमान और सुपर 30 के संस्थापक डॉ अभ्यानन्द, भारतीय प्रजनन सोसाइटी के डाक्टर के डी नायर, मणिपाल एसोसिएशन ऑफ़ एम्ब्र्योलॉजिस्ट के अध्यक्ष प्रो सतीश कुमार अडिगा सहित डॉक्टर्स और रेसर्चेर्स उपस्थित रहे जिसे लेकर भारतीय प्रजनन सोसाइटी बिहार चैप्टर के सचिव डाक्टर हिमांशु रॉय ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तेजी से बढ़ रही निः संतानता के संबंध में रोगियों और डॉक्टरों को सतर्क करना उनका मुख्य उद्देश्य है

कैंसर पीड़ितों में उपचार के दौरान बढ़ रही संतानहीनता के संबंध में डॉक्टरों को इस कॉन्फ्रेंस से विस्तारपूर्वक सतर्क किया जाएगा उन्होंने यह भी कहा कि कैंसर पीड़ितों को उपचार के पूर्व यथाशीघ्र फर्टीलिटी कॉउंसलिंग देने की जरूरत है जिससे की उनके शुक्राणुओं तथा अंडो को ससमय संरक्षित करके भविष्य में संतान सुख प्रदान किया जा सके इस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से 300 से भी अधिक चिकित्सक हिस्सा ले रहे हैं जहां आधुनिक तकनीक के संबंध में सतर्क कर रहे हैं जिससे कि इस परेशानी पर रोक लगाया जा सकेकॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डाक्टर दयानिधि कुमार और डाक्टर नीतीश मोडिया

10 वर्ष तक संरक्षित रख सकते हैं एग और स्पर्म

वहीं कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डाक्टर दयानिधि कुमार ने बोला कि एक प्रजनन एक्सपर्ट के रूप में हमारा मानना है कि मां बनने का सुख सबको मिलना चाहिए इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हम स्त्री तथा मर्दों को फर्टीलिटी के संबंध में जागरूकता प्रदान करने जा रहे हैं यहां डॉक्टर्स को नयी तकनीकों से अवगत कराया जाएगा जिससे की प्रजनन संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 10 वर्ष तक एग और स्पर्म को संरक्षित कर सकते हैं

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