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आइए जानें, बजट की कौन सी बदली गई 92 साल की परंपरा

India Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज पार्लियामेंट में अंतरिम बजट पेश किया ये पूर्ण बजट नहीं है वह लोकसभा चुनाव के बाद नयी गवर्नमेंट पेश करेगी लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोदी गवर्नमेंट आने के बाद बजट की 92 वर्ष पुरानी एक परंपरा में बड़ा परिवर्तन किया गया है हिंदुस्तान के बजट के इतिहास (Indian Budget History) में ऐसा कभी नहीं हुआ था क्या आप इसके बारे में जानते हैं यदि नहीं जानते तो इस समाचार में पढ़ लीजिए कि बजट की कौन सी 92 वर्ष की परंपरा बदली गई है

टूट गई बजट की परंपरा

बता दें कि नरेंद्र मोदी गवर्नमेंट में आम बजट और रेल बजट एक साथ पेश किया जाने लगा है 2017 से पहले राष्ट्र का आम बजट और रेल बजट भिन्न-भिन्न पेश होता था लेकिन मोदी गवर्नमेंट ने 92 वर्ष पुरानी इस परंपरा को बदल दिया है और तब से आम बजट और रेल बजट एक साथ पेश किया जाने लगा

पहले पेश होते थे 2 तरह के बजट

जान लें कि 2017 से पहले दो प्रकार के बजट संसद में पेश किए जाते थे इसमें पहले रेल बजट होता था और दूसरा आम बजट जहां रेल बजट में रेलवे से जुड़े अनेक घोषणा किए जाते थे वहीं, आम बजट में एजुकेशन, मेडिकल, सिक्योरिटी और हिंदुस्तान की इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर अनेक घोषणाएं होती थीं लेकिन अब दोनों बजट एक हो चुके हैं एक बजट में रेल और अन्य सभी घोषणाएं कर दी जाती हैं

पहली बार कब पेश हुआ रेल बजट?

गौरतलब है कि रेल बजट पहली बार 1924 में ब्रिटिश काल के दौरान पेश किया गया था तब से लेकर अगले 92 वर्ष तक आम बजट से 1 दिन पहले रेल बजट पेश करने की परंपरा को हिंदुस्तान में फॉलो किया गया हालांकि, फिर 2017 में मोदी गवर्नमेंट ने इस परंपरा को बदल दिया तब से बजट हर वर्ष 1 फरवरी को सुबह 11 बजे पेश किया जाने लगा

बता दें कि नीति आयोग ने रेल बजट और आम बजट को आपस में मर्ज करने की शिफारिश की थी नीति आयोग ने ब्रिटिश काल से चल रही इस 92 वर्ष पुरानी परंपरा को बदलने की राय दी थी बाद में मोदी गवर्नमेंट ने भिन्न-भिन्न अथॉरिटीज के साथ मंथन किया और फिर आम बजट और रेल बजट को मर्ज करने का निर्णय लिया

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