गुजरात वाइब्रेंट 2024: जानें कैसे इन घोषणाओं से चीन की बढ़ने वाली है टेंशन…
Vibrant Gujarat Summit 2024: गुजरात में देश-दुनिया के कद्दावर व्यवसायी जुटे हैं। मौका है वाइब्रेंट गुजरात समिट का। हिंदुस्तान की तेज रफ्तार से भाग रही इकोनॉमी को देखते हुए विदेशी कंपनियां हिंदुस्तान में अपना निवेश बढ़ा रही है। वाइब्रेंट गुजरात समिट के पहले दिन इसकी झलक स्पष्ट रूप से दिखी। राष्ट्र की बड़ी कंपनियों ने तो गुजरात में निवेश के लिए अपना प्लान कहा ही, विदेश की बड़ी कंपनियों ने भी अपना खजाना गुजरात के लिए खोल दिया। वाइब्रेंट गुजरात के पहले दिन जो घोषणा हुए उसने चीन की चिंता बढ़ा दी है। आइए जानते हैं कि कैसे इन घोषणाओं ने चीन की टेंशन बढ़ने वाली है।
वित्त मंत्री ने किया बड़ा ऐलान
वाइब्रेंट गुजरात समिट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बोला कि हिंदुस्तान की इकोनॉमी वर्ष 2027-28 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। उन्होंने बोला कि 5 लाख करोड़ $ से अधिक की जीडीपी के साथ हिंदुस्तान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने बोला कि वर्ष 2047 तक हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था 30 लाख करोड़ $ तक पहुंच जाएगी। जिस रफ्तार से राष्ट्र की जीडीपी बढ़ रही है आशा है कि हिंदुस्तान इस लक्ष्य को हासिल कर लें। वर्तमान में हिंदुस्तान 3.4 लाख करोड़ $ के जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। चालू वित्त साल में इसके 7.3 फीसदी की रेट से बढ़ने का अनुमान है। हिंदुस्तान की तेज रफ्तार बढ़ रही इकोनॉमी ने कई राष्ट्रों की चिंता को बढ़ा दिया है।
गुजरात बनेगा सिलिकॉन वैली
वाइब्रेंट गुजरात में टाटा, माइक्रॉन जैसी कंपनियों ने जो घोषणा किए उससे तय है कि जल्द ही गुजरात हिंदुस्तान का सिलिकॉन वैली बन जाएगा। गुजरात सेमीकंडक्टर का नया हब बनने जा रहा है। हिंदुस्तान को सेमीकंडक्टर का हब बनाने की जो कोशिशि सेमिकॉन इण्डिया 2023 से प्रारम्भ हुई थी, वो वाइब्रेंट गुजरात 2024 में भी जारी रहा। बड़ी कंपनियों ने ऐसे घोषणा किए, जो हिंदुस्तान के इस यात्रा को सरल बनाएंगे। टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने समिट में घोषणा किया कि वो गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर फैक्ट्री लगाएंगे। टाटा ने ईवी, रिन्यूएअल एनर्जी और सेमीकंडक्टर में अगले पांच वर्ष में 90 अरब $ का निवेश करने की प्लानिंग की है। बताया जा रहा है कि कंपनी अगले पांच वर्षों में 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश केवल सेमीकंडक्टर में कर सकती है।
सेमीकंडक्टर हब के लिए बड़ी प्लानिंग
वहीं वेदांता पहले ही साफ कर चुकी है कि वो हिंदुस्तान को सेमीकंडक्टर का हब बनाने चाहता है। फॉक्सकॉन पहले वेदांता के साथ फिर अकेले सेमीकंडक्टर बनने की दौड़ में शामिल हो गया है। इतना ही नहीं अमेरिकी कंपनी माइक्रॉन ने भी गुजरात में बड़े निवेश की घोषणी की है। वाइब्रेंट गुजरात समिट में माइक्रॉन ने भी सेमीकंडक्टर, चिप मैन्यूफैक्टरिंग को लेकर बड़े घोषणा किए। इससे पहले कंपनी हिंदुस्तान में 700 मिलियन $ के निवेश का ऐलान कर चुकी है। कंपनी ने गुजरात में 2.75 बिलियन $ का निवेश कर सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने का निर्णय किया है, जिसे वो वर्ष 2025 तक पूरा करेगी।
क्यों चीन की बढ़ेगी टेंशन
चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है, लेकिन हिंदुस्तान की बढ़ती ताकत को देखकर वो खौफ में है। चीन की लगातार गिरती ग्रोथ और तेज रफ्तार से हिंदुस्तान की भाग की अर्थव्यवस्था उनकी सबसे बड़ी चिंता है। सेमीकंडक्टर में चीन का दबदबा है, लेकिन जिस तरह से हिंदुस्तान में इसके लिए निवेश हो रहे हैं, चीन को अपनी कुर्सी खतरे में दिखाई दे रही है।