बिज़नस

बाजार नियामक सेबी ने 24 कंपनियों को आईपीओ के लिए दी मंजूरी

बिजनेस न्यूज डेस्क् !! यह आने वाला वर्ष 2023 आईपीओ के वर्ष के तौर पर याद किया जाएगा इस वर्ष आए ज्यादातर आईपीओ ने निवेशकों की जेब भरी और कंपनियों को खूब पैसा भी दिया पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अधिक आईपीओ आए हालाँकि, आईपीओ के माध्यम से जुटाई गई राशि साल-दर-साल आधार पर हल्की गिरावट के साथ 52,637 करोड़ रुपये रह गई

सेबी के पास 61000 करोड़ के प्रस्ताव आए हैं

बाजार नियामक सेबी ने 24 कंपनियों को आईपीओ के लिए स्वीकृति दे दी है ये कंपनियां करीब 26 हजार करोड़ रुपये का IPO लाएंगी प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, सेबी अभी 32 कंपनियों के करीब 35,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावों पर विचार कर रही है आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष 58 कंपनियों ने अपने आईपीओ लॉन्च किए और 52,637 करोड़ रुपये जुटाए पिछले वर्ष 40 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 59,302 करोड़ रुपये जुटाए थे

2024 में भी आईपीओ बाजार गुलजार रहेगा

जानकारों के अनुसार इस वर्ष आईपीओ की संख्या बढ़ी है आईपीओ बाजार को जो रिस्पॉन्स मिला है, उससे 2024 में भी यह मजबूत रहेगा कई कंपनियां जल्द ही सेबी के पास आईपीओ प्रस्ताव दाखिल करेंगी यदि पिछले वर्ष के एलआईसी आईपीओ को हटा दिया जाए तो इस वर्ष आईपीओ के जरिए जुटाई गई धनराशि 36 प्रतिशत अधिक है एलआईसी ने 2022 में 20,557 करोड़ रुपये का आईपीओ लॉन्च किया था

छोटी और मझोली कंपनियों का प्रदर्शन शानदार

इस वर्ष छोटी और मझोली कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है आईपीओ में जनता की रुचि उनके द्वारा अर्जित मुनाफे में है और कंपनियां अपने निर्गम मूल्य का ठीक मूल्य निर्धारित करती हैं वर्ष 2023 के दौरान सेंसेक्स ने 71 हजार की नयी ऊंचाई को छुआ जीडीपी के आंकड़े मजबूत रहे, ब्याज दरें स्थिर रहीं और मुद्रास्फीति की चिंता नहीं रही साथ ही सियासी मोर्चे पर स्थिरता से भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है

2024 में कमाई के कई मौके आएंगे

आनंद राठी एडवाइजर्स के निदेशक वी प्रशांत राव का मानना ​​है कि 2023 की तरह 2024 में भी आईपीओ बाजार में तेजी बनी रहेगी इस वर्ष कई नए रिकॉर्ड बन सकते हैं उन्होंने इसे भारतीय शेयर बाजार के लिए स्वर्णिम साल भी बताया जेएम फाइनेंशियल की व्यवस्था निदेशक नेहा अग्रवाल ने बोला कि 2024 में आईपीओ बाजार में अच्छी तेजी आएगी हमें पूरी आशा है कि निवेशकों को 2024 के साथ-साथ 2023 में भी अच्छे नतीजे मिलेंगे सियासी मोर्चे पर आशंकाएं समाप्त हो गई हैं इससे चुनावी वर्ष होने के बावजूद शेयर बाजार में अधिक उथल-पुथल नहीं होगी

Related Articles

Back to top button