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रिलायंस ने पान-पसंद टॉफी बनाने वाली कंपनी को खरीदा

अपने स्वाद से 1990 के दशक के बच्चों के दिलों पर राज करने वाली ‘रावलगांव’ ने अपने कैंडी बिजनेस को रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड को बेच दिया है रिलायंस की फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) कंपनी ने रावलगांव का ट्रेडमार्क्स, रेसिपीज और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स एक्वायर कर लिए हैंहालांकि प्रॉपर्टी, जमीन, प्लांट, बिल्डिंग, इक्विपमेंट और मशीनरी जैसी चीजें रावलगांव के पास ही रहेंगी यह डील महज 27 करोड़ रुपए में हुई है कंपनी ने शुक्रवार (9 फरवरी) को फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी है

कॉम्पिटिशन के चलते बाजार में रुकना कठिन हो रहा था
कंपनी के मुताबिक, हाल के सालों में उसे अपने शुगर बॉयल्ड कन्फेक्शनरी बिजनेस को चलाना कठिन हो रहा था कंपनी ने फाइलिंग में कहा कि इंडस्ट्री के ऑर्गेनाइज्ड और अन-ऑर्गेनाइज्ड दोनों सेक्टर में बढ़ते कॉम्पिटिशन के चलते हमने अपना बाजार शेयर खो दिया है इसके अतिरिक्त रॉ-मटेरियल, लेबर कॉस्ट और एनर्जी कॉस्ट की बढ़ती कीमतों के चलते फायदा भी प्रभावित हुआ था

पान पसंद, मैंगो मूड और कॉफी ब्रेक जैसी कैंडी बेचती है कंपनी
रावलगांव की शुरूआत ऑरेंज फ्लेवर्ड और हार्ड-बॉइल्ड स्वीट्स के साथ हुई थी इसके बाद कंपनी ने राष्ट्र के पहले पान-फ्लेवर्ड कैंडी के साथ-साथ मैंगो मूड, कॉफी ब्रेक, टूटी-फ्रूटी, सुप्रीम टॉफी, कोको क्रीम जैसे प्रोडक्ट तक अपने प्रोडक्ट्स को बढ़ाया

शुगर मील से हुई थी शुरूआत
कंपनी की शुरूआत महाराष्ट्र के व्यवसायी वालचंद हीराचंद ने 1933 में नासिक जिले के रावलगांव गांव में एक शुगर मिल से की थी 1942 में कंपनी ने रावलगांव ब्रांड से कैंडी बनाने का काम प्रारम्भ किया था कंपनी के अभी मैंगो मूड और कॉफी ब्रेक जैसे टोटल 9 ब्रांड्स हैं

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