बिज़नस

तीन सरकारी कंपन‍ियों के भव‍िष्‍य पर जल्‍द होगा फैसला

सरकार की तरफ से प‍िछले द‍िनों कुछ कंपन‍ियों की ब‍िक्री क‍िये जाने के बाद अब अब तीन कंपन‍ियों के भव‍िष्‍य पर निर्णय होना है तीन कंपन‍ियों मेटल्स एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया (MMTC), स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (STC) और प्रोजेक्ट एंड इक्‍व‍िपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया (PEC) पर जल्‍द निर्णय होना है सूत्रों का दावा है क‍ि 23 अक्‍टूबर को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में होने वाली हाई लेवल मीट‍िंग में इन कंपन‍ियों को बंद करने पर निर्णय हो सकता है

किसी भी कैनालाइजिंग एजेंसी की कोई आवश्यकता नहीं

केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से पिछले वर्ष आयात और निर्यात के लिए कैनालाइजिंग एजेंसियों के रूप में इन्‍हें डिनोटिफाई करने का निर्णय लेने के बाद तीन कंपनियों को बंद करने की तलवार लटक गई है अगस्‍त के महीने में सेबी (SEBI) ने नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL) से जुड़े मुद्दे में गैरकानूनी ‘पेयर्ड कॉन्ट्रैक्ट’ में शामिल होने के लिए स्टॉक ब्रोकर के रूप कमें MMTC का लाइसेंस रद्द कर दिया था इससे पहले, गवर्नमेंट की तरफ से इन तीनों सरकारी कंपनियों की उपयोगिता पर जांच हुई इसमें माना गया क‍ि वाणिज्य विभाग में किसी भी कैनालाइजिंग एजेंसी की कोई आवश्यकता नहीं है

मंत्रालय की तरफ से यह भी बोला गया क‍ि ‘गैर-रणनीतिक क्षेत्र में सीपीएसई के लिए नयी उद्यम नीति पर सार्वजनिक उद्यम विभाग के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए, एमएमटीसी (MMTC), एसटीसी (STC) और पीईसी (PEC) को बंद करने का प्रस्ताव विचाराधीन है’ एमएमटीसी हाई ग्रेड लौह अयस्क, मैंगनीज अयस्क, क्रोम अयस्क, खोपरा और कीमती धातुओं के आयात और निर्यात के लिए एक कैनालाइजिंग एजेंसी थी

इसके अतिरिक्त एसटीसी गेहूं, दालें, चीनी और खाद्य ऑयल जैसे बड़े पैमाने पर उपभोग की महत्वपूर्ण चीजों के आयात के लिए कैनालाइजिंग एजेंसी थी वहीं, पीईसी मशीनरी और रेलवे उपकरणों के निर्यात और आयात से जुड़ी एजेंसी थी एमएमटीसी और एसटीसी की आरंभ क्रमशः 1963 और 1956 में हुई थी पीईसी लिमिटेड का गठन 1971-72 में हुआ था

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