चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान देशभर में बिजली की खपत बढ़ी आठ फीसदी
भारत की अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है। गवर्नमेंट का दावा है कि आने वाले दिनों में हिंदुस्तान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इन सबके बीच एक और उत्साहवर्धक रिपोर्ट सामने आई है। चालू वित्त साल की पहली छमाही के दौरान देशभर में बिजली की खपत करीब आठ प्रतिशत बढ़ गई है। अप्रैल से सितंबर के छह महीनों में हिंदुस्तान में लगभग 847 बिलियन बिजली यूनिट की खपत हुई। सरकार के अनुसार बिजली की खपत में बढ़ोतरी राष्ट्र में आर्थिक गतिविधियों में तेजी को दर्शाती है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से सितंबर 2022 के दौरान राष्ट्र में बिजली की खपत 786 अरब बिजली यूनिट रही। इस प्रकार चालू साल की समान अवधि में पिछले साल की तुलना में खपत 61 अरब यूनिट अधिक रही। उद्योग जानकारों का मानना है कि राष्ट्र के कई हिस्सों में अप्रैल, मई और जून में बेमौसम बारिश हुई। इससे बिजली की खपत पर सीधा असर पड़ा।
भीषण गर्मी के कारण पंखे, एसी का इस्तेमाल बढ़ गया
रिपोर्ट के मुताबिक, वातावरण में असामान्य मात्रा में नमी और गर्मी के कारण अगस्त में बिजली की मांग और खपत में भी काफी सुधार हुआ है। पंखे, कूलर, एसी जैसे उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ने से बिजली की खपत तेजी से बढ़ी है। गौरतलब है कि खपत के साथ-साथ कंज़्यूमरों पर बिजली बिल का दबाव भी बढ़ गया है। इस अवधि के दौरान, कई राज्यों में घरेलू कंज़्यूमरों ने रु। 500 से 1000 से अधिक बिजली बिल भरना पड़ता था। वाणिज्यिक उपयोगकर्ताओं को और भी अधिक बिल भेजा गया।
पिछले वर्ष की तुलना में मांग में कितनी बढ़ोतरी?
बिजली से चलने वाले उद्योगों पर सीधा असर पड़ने से बिजली की खपत बढ़ी है। आंकड़े यह भी बताते हैं कि अप्रैल से सितंबर 2023 के दौरान बिजली की अधिकतम मांग 241 गीगावॉट की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। पिछले साल की समान अवधि में मांग 215.88 गीगावॉट थी।
सितंबर में बिजली की मांग रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जुलाई महीने में बिजली की मांग गिरकर 209.03 गीगावॉट रह गई। अगस्त में बिजली की अधिकतम मांग 238.19 गीगावॉट तक पहुंच गई। इस वर्ष सितंबर में देशभर में बिजली की मांग करीब 240 गीगावॉट की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई।