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ईपीएफओ ब्याज दरों में हो सकती है कटौती

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) हर वित्तीय साल के लिए ब्याज दरों की घोषणा करता है ये वो ब्याज दरें हैं जिन पर पीएफ खाताधारकों को संबंधित वित्तीय साल में उनकी जमा राशि पर ब्याज दिया जाएगा ईपीएफओ से जुड़े 6 करोड़ से अधिक कर्मचारियों को दिए जाने वाले ब्याज पर शनिवार को निर्णय हो सकता है सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) की 10 फरवरी को बैठक होने वाली है इसमें बोर्ड वित्त साल 2023-24 में सब्सक्राइबर्स को दिए जाने वाले ब्याज पर निर्णय ले सकता है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस चुनावी वर्ष में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज वित्त साल 2024 के लिए करीब 8 प्रतिशत की ब्याज रेट की सिफारिश कर सकता है रिटायरमेंट फंड बॉडी शेयरों में अपने निवेश को करीब 10 प्रतिशत से बढ़ाने के लिए बोर्ड की स्वीकृति भी मांग सकती है निवेश पर रिटर्न बढ़ाने के लिए फीसदी से 15 प्रतिशत वित्त साल 2022-23 के लिए ईपीएफ की ब्याज रेट 8.15 प्रतिशत है पिछले वर्ष यानी 2021-22 में यह 8.10 प्रतिशत थी

बैठक के संबंध में पत्र भेजा गया है

सीबीटी की 235वीं बैठक को लेकर सामाजिक सुरक्षा संगठन की ओर से बोर्ड के सभी सदस्यों को पत्र भेजा गया है इसमें उनसे बैठक में मौजूद रहने का निवेदन किया गया है मुद्दे से जुड़े लोगों के मुताबिक, ईपीएफ सदस्यों द्वारा की गई निकासी पर ब्याज ईपीएफ खातों से प्राप्त सहयोग और साल के दौरान अर्जित आय के आधार पर निर्धारित किया जाता है पिछले वर्ष 28 मार्च को ईपीएओ ने वित्तीय साल 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खातों पर 8.15 फीसदी ब्याज देने की घोषणा की थी वित्त साल 2022-23 में वितरण के लिए 90,497.57 करोड़ रुपये की सही आय मौजूद थी और सदस्यों के खातों में ब्याज जमा करने के बाद 663.91 करोड़ रुपये के अधिशेष का संभावना व्यक्त किया गया था

इन पर भी चर्चा होगी

रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक बैठक के बाद जल्द से जल्द ब्याज दरों का घोषणा किया गया है इस बार यह साफ नहीं है कि ब्याज रेट की घोषणा सार्वजनिक रूप से की जाएगी या नए दिशानिर्देशों के अनुसार, वित्त मंत्रालय की अनुमति के बाद इसकी घोषणा की जाएगी पिछले वर्ष जुलाई में श्रम मंत्रालय ने सीबीटी से वित्त मंत्रालय की पूर्व अनुमति के बिना वित्तीय साल 2023-24 के लिए ब्याज दरों की सार्वजनिक घोषणा नहीं करने को बोला था इसके अतिरिक्त सीबीटी में उच्च पेंशन को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने, ईपीएफओ में खाली पदों पर भर्ती और ईपीएफओ कर्मचारियों के ट्रांसफर को लेकर भी चर्चा हो सकती है

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