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प्रोटीन बाइंडर्स मिलाने पर रोक, FSSAI ने कहा…

फूड सेफ्टी एंड स्‍टैंडर्ड अथॉर‍िटी ऑफ इंड‍िया (FSSAI) ने साफ क‍िया क‍ि दूध और डेयरी प्रोडक्‍ट में ‘प्रोटीन बाइंडर्स’ मिलाने की इजाजत नहीं है डेयरी प्रोडक्‍ट में एंजाइम का प्रयोग अक्सर प्रोटीन बाइंडर्स के रूप में होता है इससे दही का स्वाद बदल जाता है एफएसएसएआई (FSSAI) ने बोला क‍ि डेयरी प्रोडक्‍ट में इस तरह के एंजाइम नहीं मिलाने चाह‍िए प्राकृत‍िक ढंग से बनी दही स्वास्थ्य के ल‍िए अच्‍छी होती है

डेयरी प्रोडक्‍ट को पचाने में परेशानी

एफएसएसएआई (FSSAI) ने बोला कि नए फूड प्रोडक्‍ट, विशेष रूप से सेमी सॉल‍िड या सॉल‍िड फूड को तैयार करने के ल‍िए ‘बाइंडिंग एजेंट’ के रूप में प्रोटीन बाइंडर्स का प्रयोग क‍िया जा रहा है प्रोटीन बाइंडर्स का इस्तेमाल करने से डेयरी प्रोडक्‍ट को पचाने में कठिनाई हो सकती है एफएसएसएआई (FSSAI) ने एक बयान में कहा, ‘ऐसा प्रयोग प्रोटीन की पाचनशक्ति को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है और इस प्रकार दूध प्रोटीन के जैविक और पोषक मूल्य को प्रभावित कर सकता है

मानक के मुताबिक एडिटिव्स का प्रयोग हो सकता है
एफएसएसएआई ने साफ क‍िया क‍ि दूध और डेयरी प्रोडक्‍ट में सिर्फ़ उन्हीं एडिटिव्स का प्रयोग किया जा सकता है जो खाद्य सुरक्षा और मानक के मुताबिक हैं इसमें बोला गया ‘लगभग हर डेयरी प्रोडक्‍ट में यूनीक और अच्छी तरह से स्वीकृत बनावट और अन्य संवेदी विशेषताएं होती हैं इसलिए, दूध और डेयरी प्रोडक्‍ट में प्रोटीन बाइंडर्स जैसी किसी भी सामग्री को जोड़ने से बनावट या संवेदी मापदंडों को संशोधित करने की आवश्यकता नहीं होती है

पनीर बनाने में भी इस तरह के पदार्थ का इस्तेमाल होता है हालांकि, ऐसा प्रयोग प्रोटीन के पाचन को प्रभावित करता है इस तरह म‍िल्‍क प्रोटीन के जैविक और पोषक मूल्य पर भी असर डाल सकता है दूध प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्‍यादा है, क्योंकि यह महत्वपूर्ण अमीनो एसिड का अच्छा सोर्स है 

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