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रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) कैसे करता है काम…

नई दिल्ली प्रतिदिन लोग होटल में, घर में, कार्यालय में या बाहर घूमते हुए फिल्टर्ड यानी RO वाटर पीते हैं क्योंकि, साफ पानी पीना बहुत महत्वपूर्ण होता है Aquafina, Kinley या Bisleri जैसे ब्रांड्स के फिल्टर वाटर काफी पॉपुलर हैं इन्हें बड़े जार में लोग घर पर भी मंगाते हैं लेकिन, क्या आप सोचा है कि RO आखिर क्या है और कैसे काम करता है? आइए जानते हैं

RO यानी रिवर्स ऑस्मोसिस एक वाटर प्यूरीफिकेशन प्रोसेस है जो पीने के पानी से अनवांटेड मॉलिक्यूल्स और लार्ज पार्टिकल्स जैसे दूषित पदार्थों और क्लोरीन, नमक और गंदगी जैसे सेडिमेंट्स को फिल्टर करने के लिए एक सेमीपरमिएबल मेम्ब्रेन का इस्तेमाल करता है कंटामेंनेंट्स और सेडिमेंट्स को हटाने के अतिरिक्त रिवर्स ऑस्मोसिस में माइक्रोऑर्गेनिज्म को भी रिमूव किया जाता है ये प्रोसेस पानी को मॉलिक्यूलर लेवल तक साफ कर देता है, सिर्फ़ सही H2O ही छोड़ता है

रिवर्स ऑस्मोसिस कैसे करता है काम?
रिवर्स ऑस्मोसिस के प्रोसेस में हाई-प्रेशर पंप के जरिए RO के साल्ट साइड में प्रेशर को बढ़ाया जाता है फिर सेमीपरमिएबल RO मेम्ब्रेन में फोर्स के साथ पास किया जाा है इससे लगभग 95 से 99 फीसदी डिसॉल्वड सॉल्ट रिजेक्ट स्ट्रीम में रह जाता है

  • रिवर्स ऑस्मोसिस के क्या हैं फायदे?
    इस प्रक्रिया के जरिए पानी से कई प्रकार के घुले हुए और निलंबित रासायनिक कणों के साथ-साथ जैविक एनटाइटीज जैसे बैक्टीरिया को कारगर ढंग से हटाने के लिए किया जा सकता है
    इस तकनीक का इस्तेमाल बड़े पैमाने में लिक्विड वेस्ट या डिस्चार्ज को ट्रीट करने के लिए किया जा सकता है
    इसका इस्तेमाल रोंगों को रोकने के लिए पानी को सही करने में किया जाता है
    यह चिकित्सा क्षेत्र में फायदेमंद है

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