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RBI : Credit Card और पर्सनल लोन लेने वालों की बढ़ी संशय

Personal Loan: असुरक्षित माने जाने वाले पर्सनल ऋण के लिये जोखिम भार बढ़ाकर उपभोक्ता कर्ज के मानदंडों को कड़ा करने के रिजर्व बैंक के निर्णय से बैंकों की पूंजी पर्याप्तता में 0.6 फीसदी की कमी आने की आसार है साख तय करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार यह बात कही दरअसल, आरबीआई ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिये असुरक्षित माने जाने वाले पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड जैसे ऋण से जुड़े नियम को कठोर कर दिया संशोधित मानदंड में जोखिम भार में 25 फीसदी की वृद्धि की गई

गैर-बैंक क्षेत्र पर दबाव पड़ने की संभावना

इस कदम से कंज़्यूमरों को जोखिमपूर्ण बैंक लोन देना कम हो जाएगा साथ ही विशेष रूप से गैर-बैंक क्षेत्र पर दबाव पड़ने की आसार है एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने बोला कि इससे ऋण पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी, कर्ज वृद्धि कम होगी और कमजोर वित्तीय संस्थानों के लिये पूंजी जुटाने की आवश्यकता बढ़ेगी दूसरी तरफ, उच्च जोखिम भार से अंततः परिसंपत्ति गुणवत्ता बेहतर होगी

असर पड़ने की संभावना

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की क्रेडिट विश्लेषक गीता चुघ ने बयान में बोला कि धीमी ऋण वृद्धि और जोखिम प्रबंधन पर बढ़ा हुआ बल संभवतः भारतीय बैंक प्रणाली में परिसंपत्ति गुणवत्ता को बेहतर करेगा उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, इसका तुरन्त असर कर्जदारों के लिये उच्च ब्याज दरों, वित्तीय संस्थानों के लिये धीमी ऋण वृद्धि, पूंजी पर्याप्तता में कमी और मुनाफे पर कुछ असर पड़ने की आसार है हमारा अनुमान है कि बैंकों की शेयर पूंजी (टियर -1) पर्याप्तता में लगभग 0.6 फीसदी की गिरावट आएगी’’

वित्तीय कंपनियां बुरी तरह प्रभावित होंगी

गीता चुघ ने कहा, ‘‘वित्तीय कंपनियां इससे भी बुरी तरह प्रभावित होंगी क्योंकि उनकी बढ़ने वाले बैंक ऋण में लागत में वृद्धि होगी, साथ ही पूंजी पर्याप्तता पर भी असर पड़ेगा’’ रेटिंग एजेंसी ने यह भी बोला कि इन बदलावों का हिंदुस्तान के वित्तीय क्षेत्र की साख पर कोई तुरन्त असर नहीं पड़ेगा इससे रेटिंग वाले बैंकों और वित्तीय कंपनियों के लिये जोखिम-समायोजित पूंजी अनुपात भी प्रभावित नहीं होगा (इनपुट: भाषा)

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