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पृथ्‍वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर,भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसरो ने दी ये जानकारी

भारत के पहले सौर मिशन आदित्‍य एल-1 (Aditya L1) की पृथ्वी की कक्षा बदलाव (orbit change) से जुड़ी चौथी और अंतिम प्रक्रिया मंगलवार की सुबह कामयाबी के साथ पूरी कर ली गई इसके साथ ही 2 सितंबर से पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहा ‘आदित्य-एल1′ स्‍पेसक्राफ्ट एक नयी कक्षा में दाखिल हो गया है अब यह ट्रांस-लैग्रेंजियन पॉइंट-1 की ओर बढ़ रहा है, जो पृथ्‍वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने यह जानकारी शेयर की है

इसरो ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर एक पोस्‍ट में कहा है कि आदित्‍य स्‍पेसक्राफ्ट को अपनी मंजिल में पहुंचने में करीब 110 दिन लगेंगे लैग्रेंजियन पॉइंट हमारे सौर मंडल में सूर्य और पृथ्‍वी के बीच ऐसी स्थान है, जहां गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित होता है इससे वहां कोई भी सैटेलाइट को रोका जा सकता है

एक्‍स पर पोस्‍ट में इसरो ने लिखा, “सूर्य-पृथ्वी एल1 पॉइंट की तरफ रवाना! स्‍पेसक्राफ्ट अब एक प्रक्षेप पथ पर है, जो उसे सूर्य-पृथ्वी एल1 पॉइंट पर ले जाएगा इसे लगभग 110 दिनों के बाद एक प्रक्रिया जरिए एल1 के आसपास की ऑ‍र्बिट में स्थापित किया जाएगा

इसरो ने यह भी कहा है कि यह लगातार पांचवीं बार है, जब भारतीय स्‍पेस एजेंसी ने किसी चीज को स्‍पेस में किसी ओर कामयाबी के साथ ट्रांसफर किया है आदित्‍य स्‍पेसक्राफ्ट हिंदुस्तान की पहली स्‍पेस बेस्‍ड ऑब्‍जर्वेट्री को साथ ले जा रहा है, जो लैग्रेंजियन पॉइंट (एल-1) में रहकर सूर्य के बाहरी वातावरण को स्‍टडी करेगी

इस महीने की 2 तारीख को आदित्‍य स्‍पेसक्राफ्ट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्‍च किया गया था इसमें लगे सभी इंस्‍ट्रूमेंट्स स्‍वेदशी हैं और सूर्य को स्‍टडी करेंगे इनकी वजह से हिंदुस्तान को सूर्य में हो रही गतिविधियों का रियल टाइम पता चल पाएगा इसरो को आशा है कि आदित्‍य ऑब्‍जर्वेट्री से उसे सूर्य से संबंधित महत्‍वपूर्ण डेटा हासिल होगा और सौर गतिविधियों को लेकर नयी जानकारी मिलेगी
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