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आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल की अप्रैल-जून तिमाही में हुयी बंपर कमाई

एलपीजी सब्सिडी – चालू वित्त साल के पहले पांच महीनों में पेट्रोलियम कंपनियों की बंपर कमाई और कच्चे ऑयल की कीमतें अपने उच्चतम स्तर से नीचे आने के बीच, एलपीजी सिलेंडर की मूल्य में 200 रुपये की कटौती का खामियाजा सार्वजनिक क्षेत्र को भुगतना होगा को ऑयल कंपनियों को हानि उठाना पड़ेगा ऐसा बोला जा रहा है कि, गवर्नमेंट कटौती की भरपाई के लिए कोई सब्सिडी नहीं दे सकती है

सरकार और उद्योग सूत्रों ने बोला कि सरकारी स्वामित्व वाली ऑयल कंपनियां भारतीय ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि (एचपीसीएल) की अप्रैल-जून तिमाही में बंपर कमाई हुई है उसके बाद भी कमाई का ये सिलसिला जारी है इसके अलावा, घरेलू बाजार में एलपीजी की कीमतें, जिस पर वे आंकी गई हैं, मार्च 2023 में 732 $ प्रति टन से घटकर जुलाई में 385 $ प्रति टन हो गई हैं हालांकि अगस्त में कीमतें 464 $ प्रति टन तक पहुंच गई हैं, लेकिन ऑयल कंपनियों के पास अभी भी एलपीजी की कीमतों में कटौती करने की पर्याप्त गुंजाइश है केंद्र ने आम लोगों को राहत देने के लिए मंगलवार को रसोई गैस की मूल्य 200 रुपये कम कर दी

पहली तिमाही में तीनों ऑयल कंपनियों को करीब 30,598.34 करोड़ रुपये का फायदा हुआ था IOC ने सबसे अधिक 13,750.44 करोड़ रुपये का फायदा कमाया बीपीसीएल को 10,644 करोड़ रुपये और एचपीसीएल को 6,203.90 करोड़ रुपये का फायदा हुआ सूत्रों ने बोला कि एलपीजी की कीमतों में कटौती का पैसा ऑयल कंपनियों के खाते में जाएगा सरकार ने अभी तक इन्हें सब्सिडी देने के बारे में कोई संकेत नहीं दिया है सूत्रों ने यह भी कहा, मार्च/अप्रैल में सऊदी सीपी (एलपीजी अनुबंध मूल्य) में वृद्धि के कारण तीनों ऑयल कंपनियों को हानि हुआ इसका मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है उद्योग के एक सूत्र ने कहा, यदि बेंचमार्क रेट में कटौती मूल्य में कटौती का एकमात्र मानदंड था, तो कटौती जुलाई में होनी चाहिए थी पिछले कुछ वर्षों में एलपीजी की कीमतें बढ़ी हैं

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