अब हर कोई खरीद सकेगा इलेक्ट्रिक कार! इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की कीमत में भारी गिरावट की उम्मीद
इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की मूल्य में भारी गिरावट की आशा है, जो उन्हें पेट्रोल और डीजल वाहनों के साथ प्रतिस्पर्धी बना सकती है। एक नए शोध के अनुसार, इलेक्ट्रिक कारों की मूल्य 2024 तक पेट्रोल और डीजल वाहनों के बराबर हो जाएगी।
इलेक्ट्रिक कार की बैटरी की मूल्य कम होगी
अध्ययन में बोला गया है कि इलेक्ट्रिक बैटरी की मूल्य में गिरावट से इलेक्ट्रिक वाहनों की मूल्य कम हो रही है। 2010 में, एक इलेक्ट्रिक कार की बैटरी की मूल्य लगभग $100 प्रति किलोवाट-घंटे थी। 2024 तक, यह मूल्य $100 प्रति किलोवाट-घंटे से कम होने की आशा है।
इलेक्ट्रिक कारों की बढ़ेगी मांग
बैटरी की मूल्य में गिरावट के अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण की लागत भी कम हो रही है। सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी भी प्रदान कर रही हैं, जिससे उनकी मूल्य और कम हो रही है। शोध के अनुसार, इलेक्ट्रिक कारों की मूल्य में गिरावट से उनकी मांग बढ़ने की आशा है। 2028 तक, इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पूरे विश्व में 120 मिलियन इकाइयों तक पहुंचने की आशा है।
भारत में इलेक्ट्रिक कारों की कीमत
भारत में, इलेक्ट्रिक कारों की मूल्य अभी भी पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में अधिक है। हालांकि, कीमतें कम होने लगी हैं। 2023 में, हिंदुस्तान में सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार Tata Tigor EV है, जिसकी मूल्य ₹5.69 लाख रुपये से प्रारम्भ होती है।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी
सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है। हिंदुस्तान गवर्नमेंट की FAME-II योजना के तहत, इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर 1.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा सकती है।
2023 में अबतक बिके 371,214 EV
भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग बढ़ रही है। 2022 में, हिंदुस्तान में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 3.32 लाख इकाइयों तक पहुंच गई। वहीं वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में ईवी की बिक्री 371,214 इकाइयों तक पहुंच गई। यह पिछले वर्ष की समान अवधि में बेची गई 264,781 इकाइयों की तुलना में 40% ज़्यादा है।
पेट्रोल इंजन से होगा मुकाबला
इलेक्ट्रिक कारों की मूल्य में भारी गिरावट की आशा है। इससे इलेक्ट्रिक गाड़ी पेट्रोल और डीजल वाहनों के साथ प्रतिस्पर्धी हो सकते हैं। हिंदुस्तान में भी इलेक्ट्रिक कारों की मूल्य कम होने लगी है और मांग बढ़ रही है।