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Salary Rules Change: सीबीडीटी ने वैल्यूएशन से जुड़े नियमों में दी राहत

सैलरी नियमों में बदलाव: अगर आप भी जॉब करते हैं तो ये बड़ी समाचार आपके लिए है अगर आपको कंपनी से घर मिला है या मिल रहा है और आप किराया नहीं दे रहे हैं तो आपके लिए अच्छी समाचार है सीबीडीटी ने वैल्यूएशन से जुड़े नियमों में राहत दी है आइये पॉइंट्स में जानते हैं

  • सीबीडीटी ने अनुलाभ मूल्यांकन की सीमा कम कर दी है इसका मतलब है कि अब ऑफिस से घर के बदले मिलने वाली सैलरी में कम टैक्स कटौती होगी यानी आपके हाथ में अधिक सैलरी आएगी यह नियम अगले महीने यानी सितंबर से ही लागू हो रहा है
  • सबसे पहले समझें कि टैक्स को लेकर क्या नियम हैं दरअसल, कई बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों को रहने की स्थान उपलब्ध कराती हैं और बदले में उनसे किराया नहीं लेतीं यह इनकम टैक्स नियमों के अनुसार अनुलाभ में शामिल है परक्विजिट में कर्मचारी को किराया नहीं देना होता है, लेकिन उसकी टैक्स देनदारी बनती है
  • टैक्स के लिए अनुलाभ मूल्य तय है, जो वेतन का ही एक हिस्सा है यह हिस्सेदारी उस जगह की जनसंख्या के आधार पर हो सकती है जहां घर स्थित है
  • सैलरी में वैल्यूएशन टैक्स जोड़ा जाता है इसका मतलब यह है कि भले ही आप किराया नहीं दे रहे हैं, लेकिन इससे आपकी इनकम टैक्स गणना बढ़ जाती है
  • अब इस हिस्से की सीमा सीबीडीटी ने कम कर दी है इसका मतलब है कि किराया मुक्त घर के बदले उसकी वैल्यूएशन सैलरी में तो बढ़ेगी लेकिन, इसकी सीमा पहले से कम होगी

अधिसूचना के मुताबिक, यदि केंद्र और राज्य गवर्नमेंट के कर्मचारियों के साथ-साथ किसी अन्य संगठन में काम करने वाले कर्मचारियों को कंपनी से ऐसा आवास मिला है, जिसका स्वामित्व कंपनी के पास है, तो मूल्यांकन इस प्रकार होगा

हाथ में अधिक पैसा आएगा

इस निर्णय से कंपनियों द्वारा दिए गए घरों में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी मूल्यांकन सीमा कम करने से कर योग्य आय कम हो जाएगी और इसलिए कर देनदारी भी कम हो जाएगी इसका सीधा सा मतलब है कि लोगों के हाथ में अधिक पैसा आएगा

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