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शेयर बाजार में भारी बिकवाली के बीच सेंसेक्स 826 अंक और निफ्टी 261 अंक गिरा

अहमदाबाद: ठीक दीपावली त्योहार के समय शेयर बाजार में बिकवाली का अंधेरा छा गया है यह बिकवाली ऐसे समय में हुई है जब इजराइल और हमास के बीच युद्ध छिड़ गया है और अनुमान है कि अमेरिकी ब्याज दरें आशा से अधिक बढ़ जाएंगी 17 अक्टूबर से अब तक सेंसेक्स 1857 अंक गिर चुका है निफ्टी 50 इंडेक्स में भी 530 अंक की गिरावट आई है

इन दिनों निवेशकों की संपत्ति से कुल 12.52 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए हैं सोमवार को शेयर बाजार में भारी बिकवाली के बीच सेंसेक्स 826 अंक और निफ्टी 261 अंक गिर गया, एक ही दिन में 7.59 लाख करोड़ रुपये का हानि देखने को मिला है शेयर बाजार में गिरावट और अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड में बढ़ोतरी के कारण भारतीय मुद्रा रुपया भी $ के मुकाबले सात पैसे कमजोर होकर 83.19 पर बंद हुआ रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद, इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध और इसके मध्य-पूर्वी खाड़ी राष्ट्रों को प्रभावित करने की संभावना के कारण अमेरिकी बांड और $ में भी तेजी देखी गई है युद्ध और मुद्रास्फीति की अनिश्चितता की स्थिति में अमेरिकी बांड और $ को सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है

पिछले वर्ष प्रारम्भ हुए रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के सामने मुद्रास्फीति और मुद्रास्फीति पर रोक लगाने की चुनौती थी इस चुनौती के कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नेतृत्व में पूरे विश्व में ब्याज दरें बढ़ने लगीं ब्याज दरें बढ़ाकर और मांग कम करके मुद्रास्फीति पर रोक लगाने के कोशिश अभी तक सफल नहीं हुए हैं अमेरिकी जॉब बाजार और आर्थिक विकास के आंकड़े मजबूती दिखाते हैं, इसलिए फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें और बढ़ाने की आसार है इस आसार के बीच अमेरिका के 10 वर्ष के बांड की यील्ड 16 वर्ष में पहली बार पांच प्रतिशत के पार जाने का असर अपेक्षाकृत जोखिम भरे शेयर बाजार पर भी देखने को मिला है इस आसार से शेयर बाजार में बिकवाली तेज होने की संभावना है

वैश्विक बाजारों में कमजोर रुझानों के बीच घरेलू बाजार में बिकवाली का दबाव जारी रहने से नये हफ्ते के पहले व्यवसायी दिन सोमवार को सेंसेक्स में लगातार चौथे दिन 826 अंक की गिरावट दर्ज की गयी वहीं निफ्टी में भी 261 अंकों की गिरावट दर्ज की गई

विश्लेषकों के मुताबिक, कच्चे ऑयल की मूल्य 90 $ प्रति बैरल के पार जाने से व्यवसायी धारणा प्रभावित हुई रिपोर्ट में बोला गया है कि इजरायल-हमास के बीच युद्ध बढ़ने की आशंकाओं के बीच अमेरिकी बांड की पैदावार पहली बार 5 फीसदी से अधिक हो गई, जिसका बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा

इन खबरों के बाद भारी बिकवाली के दबाव में सेंसेक्स 825.74 अंक गिरकर 64,571.88 अंक पर आ गया जबकि निफ्टी 260.90 अंक टूटकर 19,281.75 पर बंद हुआ मिडकैप इंडेक्स में 2.5 प्रतिशत और स्मॉलकैप इंडेक्स में 4.18 प्रतिशत की गिरावट आई है

एशिया में अन्यत्र, दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई और चीन का शंघाई कंपोजिट गिरावट के साथ बंद हुए दोपहर के सत्र में यूरोपीय बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे बीते शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में गिरावट देखने को मिली इस बीच, पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के कारण अंतर्राष्ट्रीय ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड बढ़कर 92.18 $ प्रति बैरल पर पहुंच गया

अचानक बिकवाली के दबाव से निवेशकों की संपत्ति आज 7.59 लाख करोड़ रुपये घटकर 311.30 लाख करोड़ रुपये रह गयी

अमेरिकी बांड की पैदावार 16 वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंचने से वित्तीय बाजार में हलचल मच गई

वर्षों से शून्य या लगभग शून्य ब्याज देने के आदी दुनिया के वित्तीय बाजारों के लिए खतरे की घंटी बज गई है अमेरिकी 10-वर्षीय बांड पर उपज, जो अंतरराष्ट्रीय बांड बाजारों, कॉर्पोरेट वित्तीय लेनदेन और अमेरिकी नागरिकों के गृह कर्ज से जुड़ा है, 16 सालों में पहली बार 5 फीसदी को पार कर गया है शुक्रवार को 5.01 प्रतिशत के बाद आज यह फिर बढ़कर 5.04 प्रतिशत पर पहुंच गई बॉन्ड पैदावार इस धारणा पर बढ़ रही है कि अमेरिकी ब्याज दरें आशा से अधिक समय तक ऊंची रहेंगी, फेडरल रिजर्व अभी भी यदि जरूरी हो तो ब्याज दरें बढ़ा रहा है इजरायल-फिलिस्तीनी युद्ध भी निवेशकों को शेयर बाजार के जोखिम से दूर बांड की सुरक्षा की ओर ले जा रहा है

अमेरिका के दो वर्ष के ट्रेजरी पेपर पर ब्याज रेट 5.125 प्रतिशत देखी गई और 30 वर्ष की बॉन्ड यील्ड बढ़कर 5.164 हो गई मई महीने के बाद अमेरिका के 10 वर्ष के बॉन्ड की यील्ड में 1.60 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है अमेरिकी बांड की पैदावार बढ़ने और सुरक्षित-हेवन लेकिन गैर-ब्याज वाले सोने की कीमतों में भी गिरावट के कारण शेयर बाजार में बिकवाली देखी जा रही है

शुक्रवार को अमेरिकी गवर्नमेंट ने अपने बजट घाटे के आंकड़े जारी किए इस आंकड़े के मुताबिक, गवर्नमेंट ने राजस्व के मुकाबले खर्च में 1.7 ट्रिलियन $ का घाटा दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक था इतने ऊंचे घाटे का असर बॉन्ड यील्ड पर भी देखा गया जब गवर्नमेंट पैसे जुटाने के लिए संघर्ष कर रही है और शटडाउन की धमकी दे रही है दूसरी ओर, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने संकेत दिया कि ब्याज दरें और बढ़ानी पड़ सकती हैं पॉवेल ने बोला कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती और रोजगार के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि आगे मौद्रिक कठोरता (यानी ब्याज दरों में बढ़ोतरी) की आवश्यकता हो सकती है

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