बिज़नस

इस साल 58 कंपनियों ने IPO से जुटाए 52,637 करोड़, जानिए क्या कह रहे एक्सपर्ट्स

साल 2023 में जमकर आईपीओ आए. ज्यादातर आईपीओ ने निवेशकों को पैसा बनाकर दिया. हालांकि, आईपीओ के जरिये जुटाई जाने वाली राशि सालाना आधार पर हल्की रूप से घटकर 52,000 करोड़ रुपये रही. ब्याज दरों में बढ़ोतरी और भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण इसमें गिरावट आई है. इस वर्ष IPOs की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है. जानकारों के अनुसार साल 2024 में भी आईपीओ बाजार में मजबूती बने रहने का अनुमान है. वर्ष 2022 में एलआईसी के 20,557 करोड़ रुपये के मेगा आईपीओ को छोड़ दें, तो उस वर्ष सार्वजनिक निर्गमों के जरिए जुटाई गई राशि 36 प्रतिशत अधिक है.

छोटी और मझोली कंपनियों ने किया बेहतर परफॉर्म

बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच इस वर्ष छोटी और मझोली कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रहा. पैंटोमैथ कैपिटल एडवाइजर्स के व्यवस्था निदेशक महावीर लूणावत ने कहा, ‘आईपीओ के प्रति दिलचस्पी की वजह प्रॉफिटेबिलिटी और इश्यू का मुनासिब मूल्य निर्धारण है. इसके अतिरिक्त भारतीय बाजार में मजबूत और कुशल नियामक ढांचे से भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है.

IPO बाजार के लिए स्वर्णिम वर्ष हो सकता है 2024

आनंद राठी एडवाइजर्स के निदेशक और प्रमुख (ईसीएम, निवेश बैंकिंग) वी प्रशांत राव का मानना है कि 2023 की गति 2024 में भी जारी रहेगी और यह वर्ष भारतीय प्राथमिक बाजारों के लिए स्वर्णिम हो सकता है. जेएम फाइनेंशियल में व्यवस्था निदेशक और प्रमुख (इक्विटी पूंजी बाजार) नेहा अग्रवाल ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि 2024 में आईपीओ बाजार में मजबूत तेजी रहेगी. यह आशावाद भारतीय बाजारों की बेहतर वृद्धि संभावनाओं से प्रेरित है.

इस वर्ष 58 कंपनियों ने जुटाए 52,637 करोड़

बाजार नियामक सेबी से लगभग 24 कंपनियों को आईपीओ लाने के लिए पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है. इनके 26,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए जाने का अनुमान है. प्राइम डेटाबेस के अनुसार 32 कंपनियों ने करीब 35,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए सेबी के पास अपने मसौदा कागजात दाखिल किए हैं. उद्योग के आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष 58 कंपनियां अपना आईपीओ लाईं और उन्होंने 52,637 करोड़ रुपये जुटाए. पिछले वर्ष 40 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये 59,302 करोड़ रुपये जुटाए थे.

Related Articles

Back to top button