गेहूं के निर्यात पर तत्काल असर से बैन

गेहूं की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र गवर्नमेंट ने बढ़ा निर्णय किया है. शनिवार को गवर्नमेंट ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल असर से बैन लगा दिया. गेहूं को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है. गवर्नमेंट की ओर से बोला गया है कि राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है. साथ ही पड़ोसी राष्ट्रों और गरीब राष्ट्रों को समर्थन करने के लिए भी ऐसा करना महत्वपूर्ण था. इस बीच आपको बता दें कि जिन राष्ट्रों को पहले ही इसके निर्यात की अनुमति दी जा चुकी है, उन्हें इसका निर्यात जारी रहेगा.
डीजीएफटी की अधिसूचना में दी गई जानकारी
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 13 मई को जारी अधिसूचना में बोला है कि इस अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय कर्ज पत्र (एलओसी) जारी किए गए हैं, उसके निर्यात की अनुमति होगी. उल्लेखनीय है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग से पूरी दुनिया में गेहूं की कीमतों में जोरदार वृद्धि हुआ है. हिंदुस्तान में भी घरेलू स्तर पर गेहूं की कीमत बढ़ी है. कई प्रमुख राज्यों में सरकारी खरीद की प्रक्रिया काफी सुस्त चल रही है और लक्ष्य से काफी कम गेहूं की खरीदारी हुई है. इसकी वजह यह है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक कीमत बाजार में मिल रही है.
अप्रैल महीने में रिकॉर्ड गेहूं का निर्यात हुआ
उल्लेखनीय है कि हिंदुस्तान दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक. राष्ट्र ने वित्त साल 2021-22 कुल 70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया, जबकि बीते अप्रैल महीने की बात करें तो हिंदुस्तान ने रिकॉर्ड 14 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है. यहां बता दें कि राष्ट्र में महंगाई आसमान छू रही है, खुदरा महंगाई एक बार फिर लंबी छलांग मारते हुए अप्रैल महीने में 7.79 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है. इस बीच अप्रैल में खाद्य पदार्थों पर महंगाई 8.38 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच चुकी है.
प्याज प्रतिबंधित श्रेणी से बाहर आई
बता दें कि रूस-यूक्रेन जंग के चलते अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में गेहूं की कीमता में 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जिससे गेहूं का निर्यात बढ़ा है. इसके अनुरूप घरेलू स्तर पर मांग बढ़ने के बीच गेहूं और गेहूं के आटे के दाम भी आसमान छू रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष के मुकाबले आटे की कीमत में अब तक करीब 13 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है. गेहूं के निर्यात पर तत्काल असर से बैन लगाने के साथ ही डीजीएफटी ने एक दूसरी अधिसूचना में जानकारी दी कि प्याज के बीज की निर्यात नीति में भी परिवर्तन किया गया है और इसे तत्काल असर से सीमित श्रेणी के अनुसार रखा गया है. यहां बता दें कि इससे पहले प्याज के बीज का निर्यात भी प्रतिबंधित श्रेणी में था.