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एल्विश के लिए NDPS एक्ट की धारा-27A बनी परेशानी की सबब, जानें क्या है NDPS एक्ट…

नई दिल्ली. मशहूर यूट्यूबर और BIGG BOSS विजेता एल्विश यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में कारावास भेज दिया गया है. दरअसल, एल्विश यादव को नोएडा पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था, जिस दौरान उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया है कि वह सांपों का जहर मंगवाता है. इस मुद्दे में एक अन्य आरोपी से भी संपर्क किया गया है.

एल्विश यादव को जमानत दिलाने के लिए उनके वकील उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय तक चक्कर लगा रहे हैं. दरअसल एल्विश के लिए NDPS एक्ट की धारा-27A कठिनाई की सबब बन गई है. एल्विश यादव से पहले शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और सुशांत सिंह राजपूत के मुकदमा में रिया चक्रवर्ती पर भी यहीं धारा लगाई गई थी. इस समाचार में हम आपको बताएंगे कि NDPS एक्ट क्या है, कब लगता है और इससे जुड़े सजा के क्या प्रावधान है.

क्या है NDPS एक्ट?

NDPS का पूरा नाम नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (Narcotics Drugs And Psychotropic Substances) है. इस एक्ट के अनुसार नशीली दवाइयों इस्तेमाल या नशीली पदार्थ के उत्पादन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है.

इसके अलावा, यदि कोई शख्स किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों के निर्माण, खेती, कब्जा, ब्रिकी, खरीद या सेवन करने जैसे गतिविधियों में शामिल होता है, तो उनके विरुद्ध भी एक्शन लिया जाता है. ये एक्ट अभी एल्विश यादव पर रेव पार्टी में सांपों के जहर सप्लाई करने की वजह से लगाया गया है. जो उनके लिए कठिनाई की वजह बनता जा रहा है.

कब प्रारम्भ हुआ NDPS एक्ट?

एनडीपीएस एक्ट की आरंभ वर्ष 1985 में हुई थी. इस एक्ट को राष्ट्र में किसी भी नशीले पदार्थ की रोकथाम के लिए बनाया गया था. इस एक्ट के बनने के एक वर्ष बाद ही 1986 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की स्थापना कर दी गई थी.

क्या है सजा के प्रावधान?

NDPS 27A एक्ट के अनुसार सजा का निर्धारण इस आधार पर किया जाता है कि कौन-सा मादक पदार्थ है और उसकी मात्रा क्या है. इस एक्ट में गुनेहगार की सजा को लेकर भिन्न-भिन्न प्रावधान है. एनडीपीएस एक्ट के अनुसार उन्हें जमानत मिल जाती है, जिन्होंने केवल नशीले पदार्थ का सेवन किया होता है, लेकिन जमानत तभी मिलती है, जब वह शख्स किसी भी प्रकार के ड्रग व्यापार में शामिल न हो. ड्रग्स कम मात्रा में लिया गया हो, तो 1 वर्ष की कारावास और जुर्माना का प्रावधान है.

वहीं, इसके व्यापार में शामिल आदमी को 10 से 20 वर्ष तक की सजा हो सकती है और इसके साथ ही दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाता है. आसान शब्दों में कहें तो, इस NDPS 27A एक्ट में सिर्फ़ उन्हीं लोगों को जमानत मिलती है, जिन्होंने स्वयं इसका सिर्फ़ सेवन किया है, इसके अतिरिक्त अन्य लोगों को लंबी सजा और जुर्माना देना पड़ सकता है.

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