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फिल्म मंथन का रेड-कार्पेट वर्ल्ड प्रीमियर में हुआ चयन

राजस्थान के डूंगरपुर राजघराने से जुड़े शिवेन्द्र सिंह डूंगरपुर के नेतृत्व में फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन लगातार तीसरे वर्ष  सुविख्यात कान्स फिल्म फेस्टिवल में एंट्री कर रहा है.इस बार फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने जाने माने निर्माता निर्देशक श्याम बेनेगल द्वारा निर्मित लोकप्रिय फिल्म ‘मंथन’ (1976) का 4के रिस्टोरेशन किया है. इस फिल्म को कान्स फिल्म फेस्टिवल 2024 में रेड-कार्पेट वर्ल्ड प्रीमियर के लिए चुना गया है.

इस चर्चित फिल्म को अदाकार नसीरुद्दीन शाह, दिवंगत अदाकारा स्मिता पाटिल के परिवारजन, फिल्म के निर्माता, डाक्टर वर्गीस कुरियन की बेटी और फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के निदेशक शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर द्वारा इस साल के कान्स फिल्म फेस्टिवल में प्रस्तुत किया जाएगा. 77वां वार्षिक कान्स फिल्म फेस्टिवल इस साल 14 से 25 मई तक फ्रांस में आयोजित होने वाला है.इससे पहले फाउंडेशन द्वारा पुनरुद्धार की गई दो फिल्मों को 2022 में अरविंदम प्रोडक्शन की मलयालम फिल्म ‘थम्प’ और 2023 में मणिपुरी फिल्म निर्माता अरिबम स्याम की क्लासिक फिल्म ‘इशानौ’ को भी लगातार दो सालों कांस महोत्सव में भाग लेने का अवसर मिल चुका है. अब यह तीसरा मौका होगा जब मंथन फिल्म को भी  कांस के रेड कारपेट विश्व प्रीमियम शो में भाग लेने का अवसर मिलेगा.भारतीय सिनेमा जगत के विख्यात महानायक अमिताभ बच्चन ने मंथन को कांस फिल्म फेस्टिवल के लिए चुने जाने पर खुशी जाहिर करते हुए अपने एक्स एकाउंट पर लिखा है कि मुझे इस बात पर बहुत गर्व है कि फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन लगातार तीसरे वर्ष कान्स फिल्म फेस्टिवल में श्याम बेनेगल की फिल्म “मंथन” जिसमें स्मिता पाटिल सहित असाधारण कलाकारों का सम्मोहक प्रदर्शन है, के साथ अपनी गौरतलब पुनरुद्धारित फिल्म मंथन के साथ विश्व प्रीमियर शो का हिस्सा बनेगा.

अमिताभ ने बोला है कि फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन हिंदुस्तान की सर्वश्रेष्ठ फिल्म विरासत को संरक्षित करने, पुनर्स्थापित करने और दुनिया के सामने प्रदर्शित करने के लिए जो काम करता है वह अद्भुत है.शिवेन्द्र सिंह डूंगरपुर ने कहा कि अमूल डेयरी की स्वर्ण जयंती के अवसर पर फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने गुजरात मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के साथ हाथ मिलाकर डेयरी सहकारी आंदोलन से जुड़े पांच लाख डेयरी किसानों द्वारा निर्मित श्याम बेनेगल की सुप्रसिद्ध फिल्म ‘मंथन’ की मरम्मत और पुनरुद्धार का काम कर उसको बहाल किया गया है.निर्माता निर्देशक श्याम बेनेगल और सिनेमेटोग्राफर गोविंद निहलानी ने भी उनकी पुनरुद्धारित फिल्म मंथन को कांस अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में शामिल किए जाने पर खुशी व्यक्त करते हुए बोला है कि यह फिल्म उनके दिल के बहुत निकट जगह रखती है. उन्होंने शिवेन्द्र सिंह डूंगरपुर उनकी टीम का कड़े परिश्रम से फिल्म रिस्टोरेशन का काम करने के लिए आभार व्यक्त किया.उल्लेखनीय है कि 1976 की लोकप्रिय फिल्म “मंथन” डेयरी सहकारी आंदोलन की आरंभ का एक काल्पनिक संस्करण है, जिसने हिंदुस्तान को दूध की कमी वाले राष्ट्र से दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक राष्ट्र में बदल दिया. डेयरी सहकारी आंदोलन हिंदुस्तान में श्वेत क्रांति के जनक वर्गीज कुरियन से प्रेरित था. यह हिंदुस्तान की पहली क्राउडफंडेड फिल्म भी है, जिसे 5 लाख डेयरी किसानों द्वारा निर्मित किया गया. इस चर्चित फिल्म के निर्माण के लिए प्रत्येक किसान ने 2 रुपये का सहयोग दिया.

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