पठान के बहिष्कार पर शाहरुख खान ने तोड़ी चुप्पी

फिल्म रिलीज होने के कुछ दिनों बाद शाहरुख खान ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए फिल्म की कामयाबी के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बोला कि वह दर्शकों को एक संदेश देना चाहते हैं. उन्होंने बोला कि फिल्मकार भले और बुरे काम करते हैं, लेकिन उनका मकसद केवल मनोरंजन करना होता है
शाहरुख ने बोला “मैं एक बात कहना चाहता हूं जो बहुत महत्वपूर्ण है. हम खुशी और आनंद के लिए फिल्में बनाते हैं. हम से गलतियां भी होती हैं, अच्छे भी हैं बुराइयां भी होती हैं (हम गलतियां करते हैं, अच्छी या बुरी) लेकिन सच कहूं तो फिल्में बनाने के पीछे हमारा मकसद काफी साफ है. हम खुशी, प्यार, दया और भाईचारा फैलाना चाहते हैं, भले ही मैं एक बुरे आदमी की किरदार निभा रहा हूं. हम में से कोई भी बुरा नहीं है, हम सभी आपको खुश करने के लिए भूमिका निभा रहे हैं
“अगर हम फिल्म में कुछ कहते हैं, तो इसका उद्देश्य किसी की भावना या किसी को ठेस पहुंचाना नहीं है. यह केवल मनोरंजन है. हम एक दूसरे से प्यार करते हैं, और हम एक दूसरे के साथ मजाक करते हैं. मौज-मस्ती उस तबके पर छोड़ देनी चाहिए. इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं है. ये दीपिका पादुकोण हैं, ये अमर हैं। मैं शाहरुख खान हूं, मैं अकबर हूं, ये जॉन है, ये एंथोनी जय हो (मैं शाहरुख खान हूं, मैं अकबर हूं और यह जॉन जो एंथोनी है). और यही सिनेमा बनाता है; अमर, अकबर और एंथोनी. हममें से किसी का किसी के साथ, किसी संस्कृति या जीवन के किसी भी पहलू से कोई मतभेद नहीं है. हम आपसे प्यार करते हैं, इसलिए हम फिल्म बनाते हैं.”
उन्होंने कहा, ‘अपनी फिल्मों के लिए हमें जो प्यार मिलता है, उससे बेहतर कुछ नहीं है. हमें अपनी संस्कृति को बचाए रखना है, हमारी पुरानी कहानियां इस राष्ट्र में समाई हुई हैं. हमें कहानी को आधुनिक ढंग से बताना होगा, और जब हम उन कहानियों को बताते हैं, तो ऐसा कोई उपाय नहीं है कि हम किसी का उपहास कर रहे हों “
बेशरम रंग गाने के रिलीज होने के बाद पठान को बहिष्कार का सामना करना पड़ा. रिलीज से कुछ दिन पहले कुछ शहरों में विरोध प्रदर्शन भी हुए. पठान ने सिर्फ पांच दिनों में पूरे विश्व में 500 करोड़ रुपये के विशाल आंकड़े को पार कर लिया. ओपनिंग वीकेंड में ही फिल्म ने कई रिकॉर्ड भी तोड़