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Birth Anniversary: दिलीप कुमार को इस बात का था अफसोस

दिवंगत मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री अभिनेता दिलीप कुमार की 101वीं बर्थ एनिवर्सरी पर उनके करोड़ों चाहने वाले आज उन्हें याद कर रहे हैं अपने दशकों लंबे करियर में दिलीप कुमार ने अनेक सुपरहिट फिल्में दीं लेकिन वैसा काम नहीं मिला जैसा वो करना चाहते थे दिलीप कुमार ने एक बार कहा था कि वह बहुत ‘फ्रस्ट्रेटेड’ फील करते हैं जब उन्हें वैसे भूमिका दिए जाते हैं जो उनके टैलेंट के साथ इन्साफ नहीं करते

‘कई बार बहुत झल्लाहट होती है’
दिलीप कुमार से 1995 में साउथ एशिया मॉनिटर के साथ वार्ता में पूछा गया कि क्या कुछ ऐसा है जो वह अपने करियर में हासिल नहीं कर पाए? तब अपनी सिनेमाई उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए दिलीप कुमार ने कहा, “मैं इन चीजों को इस तरह नहीं देखता हूं लेकिन कई बार मैं बहुत झल्लाहट महसूस करता हूं क्योंकि हफ्तों या महीनों तक एक बेहतर दृष्टिकोण या असली नजरिए वाली फिल्म मिले

दिलीप को था इस बात का अफसोस
दिलीप कुमार ने बताया, “इन दिनों लोग मेरे स्क्रिप्ट लाने की बजाए बनी-बनाई ऑडियो कैसेट्स लेकर आते हैं वो मुझसे आशा करते हैं मैं उन पर काम करूं” क्या कुछ और पाने को रह गया है? पूछने पर दिलीप कुमार ने कहा, “नहीं, अभी तो मैंने प्रारम्भ भी नहीं किया है बहुत कुछ था जो किया जाना था लेकिन हमें दिए गए हालातों और दायरों के भीतर काम करना था बेहतर परफॉर्मेंस के लिए आपको बेहतर फिल्में और थीम्स चाहिए होती हैं

दिलीप कुमार की ब्लॉकबस्टर फिल्में
दिलीप कुमार ने कहा, “हमने सब कुछ विकसित कर लिया है जो कि हमारे राष्ट्र के लिए पर्याप्त है लेकिन हमारे पास अच्छा आधुनिक साहित्य नहीं है हमने अपने साहित्य को नजरअंदाज किया है सिनेमा इन्हीं चीजों को दिखाता है काश मैं कुछ बेहतर भूमिका कर पाता जो बेहतर समीकरणों को दर्शा पाते” मालूम हो कि दिलीप कुमार ने अपने करियर में जुगनू, अंदाज, आन, दाग, इंसानियत, आजाद, नया दौर, मधुमति, पैगाम, कोहिनूर, मुगल-ए-आजम और गंगा जमुना जैसी फिल्मों में काम किया था

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