बॉलीवुड नहीं बल्कि रीजनल सिनेमा में बनी थी देश की पहली 3डी फिल्म
सिनेमा ने कहानियों को कला का एक नया जामा पहनाया। करीब 125 वर्ष पहले प्रारम्भ हुए सिनेमा के इस यात्रा ने तत्कालीन परिस्थितियों और बदलती टेक्नेलॉजी के कई दौर देखे। लेकिन एक चीज जो नहीं बदली वो कहानी। कहानी की पेशगी का अंदाज हर दौर में नया और अनोखा रहा है। जब दुनिया तकनीकि विकास के क्रम में उलझी तो सिनेमा पर भी इसका गहरा असर पड़ा। एनिमेशन और 3डी जैसी टेक्नेलॉजी ने कहानियों में चार चांद लगाए और उनके अनुभवों को भी निखारा। इन सभी विकास के क्रमों में हिंदी सिनेमा हमेशा से अग्रणी रहा है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्र की पहली 3डी फिल्म मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री में नहीं बल्कि रीजनल सिनेमा में बनी थी। इस फिल्म का नाम था ‘माई डियर कुट्टी चेतन’ (My Dear Kuttichathan)। वर्ष 1984 में रिलीज हुई ये फिल्म ना सिर्फ़ राष्ट्र की पहली 3डी फिल्म बनी बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी कमाल कर दिया। मलयालम भाषा में बनी इस फिल्म का बजट करीब 50 लाख रखा गया था।
लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फिल्म की कमाई के आंकड़ों ने दिमाग हिला दिया था। फिल्म ने करीब 6-7 करोड़ रुपयों की कमाई कर इतिहास रच दिया था। डायरेक्टर जीजू पुनूस की ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी सुपरहिट रही थी। इतना ही नहीं फिल्म की कामयाबी के बाद मेकर्स ने इसे 13 वर्ष बाद फिर से हिंदी और अंग्रेजी भाषा में डब कर रिलीज किया था। इस फिल्म ने अंग्रेजी में भी दर्शकों को खूब सिनेमाघरों तक खींचा था।
13 वर्ष बाद फिर से किया रिलीज
‘माई डियर कुट्टी चेतन’ ने बॉक्स ऑफिस पर जमकर कमाई की थी। फिल्म सबसे पहले मलयालम भाषा में रिलीज की गई थी। लेकिन इसकी कामयाबी को देखते हुए मेकर्स ने इसे 13 वर्ष बाद यानी 1997 में अंग्रेजी और हिंदी भाषा में डब किया और फिर से सिनेमाघरों में रिलीज किया था। बाद में ये फिल्म हिंदी और अंग्रेजी में भी खूब पसंद की गई। इस फिल्म को आज भी लोग काफी पसंद करते हैं। फिल्म के डायरेक्टर जीजू पुन्नू से पिता नवोदया अपच्चन ने ही फिल्म को प्रोड्यूस किया था और इसे नवोदया स्टूडियो के बैनर तले बनाया गया था। फिल्म आज भी लोगों की पसंदीदा बनी हुई है।