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देश के दिग्गज रेडियो होस्ट अमीन सयानी का 91 साल की उम्र में हुआ निधन

देश के कद्दावर रेडियो होस्ट अमीन सयानी का 91 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो गया है उनके बेटे राजिल सयानी ने यह जानकारी दी कि अमीन का मृत्यु हार्ट फेल होने की वजह से हुआ है उन्होंने मंगलवार रात मुंबई के ​​​हाॅस्पिटल में अंतिम सांस ली

सयानी का आखिरी संस्कार कल यानी 22 फरवरी को होगा, क्योंकि आज उनके कुछ सम्बन्धी उनके आखिरी दर्शन के लिए मुंबई आने वाले हैं मीडिया से बात करते हुए उनके बेटे ने बोला कि सयानी के आखिरी दर्शन को लेकर वो जल्द ही ऑफिशियल स्टेटमेंट भी जारी करेंगे सयानी 1952 से 1994 के बीच गीतमाला रेडियो शो के होस्ट रहे थे इससे उन्हें गजब की लोकप्रियता मिली थी

पूरा शो प्रेजेंट करने वाले राष्ट्र के पहले होस्ट
21 दिसंबर 1932 को मुंबई में जन्मे अमीन मल्टीलिंगुअल फैमिली से बिलॉन्ग करते थे उन्होंने अपने करियर की आरंभ इंग्लिश ब्रॉडकास्टर के तौर पर की थी पर आजादी के बाद उन्होंने हिंदी की ओर रुख किया सयानी को असल पहचान दिसंबर 1952 में प्रारम्भ हुए रेडियो शो ‘गीतमाला’ से मिली ‘गीतमाला’ के साथ अमीन हिंदुस्तान के पहले ऐसे होस्ट बने जो एक पूरा शो प्रेजेंट करते थे

42 वर्ष तक चला ‘गीतमाला’
चार्ट-टॉपिंग हिट्स वाला रेडियो शो ‘गीतमाला’ दक्षिण एशिया में खूब लोकप्रिय हुआ इसकी बड़ी कामयाबी के कारण इसका प्रसारण 42 वर्ष तक चला बाद में 2000-2001 और 2001-2003 में इसके नाम में हल्की परिवर्तन के साथ इसे फिर से प्रारम्भ किया गया

अमिताभ से मुलाकात करने का इंकार कर दिया था
अपने स्ट्रगल के दिनों में अमिताभ बच्चन जब मुंबई के रेडियो स्टूडियो में ऑडिशन देने पहुंचे थे, बिना अप्वॉइंटमेंट लिए बिग बी सयानी से मिलने चले गए थे, जिस वजह से सयानी ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया था और बिना आवाज सुने ही उन्हें रिजेक्ट कर दिया था बाद में काफी मशक्कत के बाद उन्होंने बिग बी की आवाज सुनी तो इसे रिजेक्ट करते हुए बोला था- तुम्हारी आवाज सुनकर लोग डर जाएंगे

बुधवार रात सभी को रहता था 8 बजने का इंतजार
अमीन जब रेडियो शो ‘गीतमाला’ होस्ट करते थे तो लोगों को बुधवार की रात 8 बजने का प्रतीक्षा रहता था जिस घर, दुकान या रेस्त्रां में रेडियो होता, वहां भारी भीड़ जमा होती और लोग रेडियो पर गूंजने वाली एक सुनहरी आवाज को सुनते ‘बहनो और भाइयो, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं और अब इस बरस बिनाका गीतमाला की वार्षिक हिट परेड का सरताज गीत’ बिगुल की आवाज़ गूंजती और फिर अमीन सयानी कहते, ‘फिल्म सूरज का गाना है ये बहनो और भाइयो इसे गाया है मोहम्मद रफ़ी ने’ और फिर बजता- बहारो फूल बरसाओ… लोग जहां होते, तालियां बजाते थे

 

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