आज 26 सितंबर को देव आनंद साहब का मनय जा रह 100वीं बर्थ एनिवर्सरी
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मुंबई: देव आनंद मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री के सदाबहार हीरो माने जाते हैं। देव साहब का चेहरा ही उनकी यूएसपी थी और इसी खूबसूरत चेहरे के कारण उन्होंने बड़ी कामयाबी हासिल की। उनके चेहरे ने उनके करियर में कितना बड़ा रोल निभाया। आज यानी 26 सितंबर को देव साहब का 100वीं बर्थ एनिवर्सरी है। आइए इस मौके पर जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें…
फिल्मों में किस्मत आजमाने मुंबई पहुंचे देव साहब
लाहौर के सरकार कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद देव आनंद ने नेवी में जाने की तैयारियां प्रारम्भ की। लेकिन देव साहब कमीशन के सामने साक्षात्कार में फेल हो गए और उनका सपना धरा का धरा रह गया। इसी बीच देव साहब की मुलाकात एक सिख टीचर से हुई, जिन्होंने उन्हें फिल्मों में किस्मत आजमाने की राय दी। उनकी ही राय पर देव आनंद मुंबई आ गए।
लुक देखकर प्रारम्भ हुई फिल्मी पारी
मुंबई में देव आनंद का संघर्ष तीन वर्ष तक चलता रहा लेकिन उन्हें किसी ने ब्रेक नहीं दिया। एक दिन देव साहब की मुलाकात बाबू राव पाई से हुई जो एक फिल्म मैगजीन के संपादक थे। पाई ने उनकी सिफारिश निर्माता-निर्देशक पी एल संतोषी से की। संतोषी ने उन्हें पुणे ऑडिशन के लिए बुलाया। हालांकि देव साहब इस ऑडिशन में फेल हो गए, लेकिन संतोषी को देव साहब का लुक बहुत पसंद आया और उन्होंने उन्हें अपनी फिल्म ‘हम एक हैं’ का हीरो बना दिया और इस तरह देव साहब की फिल्मी पारी प्रारम्भ हो गई।
इस तरह अशोक कुमार से हुई मुलाकात
1947 तक देव आनंद तीन फिल्मों में काम कर चुके थे। ये तीनों ही फिल्में छोटे बजट की थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास बिजनेस नहीं किया। एक दिन लोकल ट्रेन में देव साहब की मुलाकात निर्देशक शाहिद लतीफ से हुई जो उन दिनों बॉम्बे टॉकीज के साथ जुड़े हुए थे। लतीफ ने उन्हें अशोक कुमार से मिलने की राय दी। अशोक कुमार देव आनंद के आइडल थे। लतीफ ने उन्हें अशोक कुमार से मिलवाने का वादा किया और एक दिन उन्हें लेकर बॉम्बे टॉकीज पहुंचे।
अशोक कुमार ने सारे कॉन्ट्रैक्ट से करवाया मुक्त
अशोक कुमार को देव आनंद का चॉकलेटी चेहरा काफी पसंद आया और उन्होंने देव साहब को बॉम्बे टॉकीज की फिल्म ‘जिद्दी’ से रीलॉन्च करने का निर्णय किया। लेकिन परेशानी ये थी कि देव आनंद ‘प्रभात फिल्म्स’ के साथ कॉन्ट्रैक्ट में बंधे थे, इसलिए वो बाहर की फिल्मों में काम नहीं कर सकते थे। अशोक कुमार ने अपने असर का इस्तेमाल कर देव आनंद को प्रभात के कॉन्ट्रेक्ट से मुक्त किया। हर्जाने के तौर पर जो पैसे मांगे गए वो भी अशोक कुमार ने ही चुकाया।
इस तरह हुई किशोर कुमार के साथ बॉन्डिंग
‘जिद्दी’ ठीक अर्थ में देव आनंद की पहली हिट फिल्म थी, जो उन्हें अशोक कुमार का फैन होने के कारण मिली थी। ‘जिद्दी’ की कामयाबी ने देव साहब के करियर में बड़ा रोल निभाया और इंडस्ट्री में उनकी पुख्ता पहचान बन गई। इसी फिल्म से किशोर कुमार ने भी अपने गायन करियर की आरंभ की थी। किशोर कुमार और देव आनंद के बीच जो बॉन्डिंग हुई वो अगले चालीस वर्षों तक कायम रही।