मशहूर कथा-पटकथा, संवाद लेखक और निर्देशक अभिनेता प्रयाग राज का हुआ निधन
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मनोरंजन
जगत से बुरी खबर
सामने आ रही है।
मशहूर कथा-पटकथा, संवाद लेखक और निर्देशक अभिनेता
प्रयाग राज का मृत्यु हो
गया है। प्रयागराज ने मनमोहन देसाई द्वारा अमिताभ बच्चन को लेकर बनाई
गई लगभग सभी फिल्मों की पटकथा और संवाद लेखन का काम किया है। प्रयाग राज को लोग
याहू नाम से भी
जानते थे। उन्होंने 60 के
दशक में ‘जंगली’ फिल्म
के गाने में आवाज
दी थी और याहू
शब्द को लोकप्रिय बना
दिया था। प्रयाग राज
के मृत्यु का कारण
अभी सामने नहीं आ पाया
है। लेकिन उनके परिवार ने
बताया कि डायरेक्टर का
अंतिम संस्कार रविवार को शिवाजी पार्क
के श्मशान भूमि में किया
जाएगा।
प्रयाग
राज ने न सिर्फ
फिल्मों में लिखने का
काम किया बल्कि अभिनय
भी किया। वह ऐसे निर्देशक रहे जिन्होंने अमिताभ बच्चन
से लेकर रजनीकांत जैसे
सुपरस्टार के साथ काम
किया था। उन्हें करियर
में लेखन और निर्देशन
के अतिरिक्त गाने लिखने कंपोज
करने का अनुभव भी
था।
ऐसे
की थी करियर की
शुरुआत
प्रयाग
राज ने 1963 में फूल बने
अंगारे के साथ एक
संवाद लेखक के रूप
में अपना करियर शुरू
किया और झुक गया
आसमान (1968), भाई हो तो
ऐसा (1972), रोटी (1974), और धरम करम
(1975) जैसी फिल्मों के लिए संवाद
लिखे। उनके करियर की
सफलता 1977 की मल्टी-स्टारर
फिल्म अमर अकबर एंथोनी
से हुई, जिसने फिल्मों के लिए पटकथा
में उनकी आरंभ की,
जो एक व्यावसायिक और जरूरी हिट
थी। प्रयागराज ने मनमोहन देसाई की कुली, मर्द,
नसीब फिल्मों की पटकथा भी लिखी थी। यह सभी फिल्में हिन्दी सिनेमा के इतिहास में अपना
एक अलग मुकाम रखती हैं।
इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने तीन दशकों से अधिक लंबे
करियर में, परवरिश (1977), धरम
वीर (1977), सुहाग (1979), नसीब (1981), कुली (1983), मर्द (1985), गंगा जमुना सरस्वती
(1988) और अजूबा (1991) की पटकथा लिखने का काम किया। उनकी
अन्य परियोजनाओं में गुरुदेव (1993) जिसका
निर्देशन विनोद मेहरा कर रहे थे, लेकिन फिल्म पूरी होने से पहले उनका मृत्यु हो गया और
दीवाना मस्ताना (1997) शामिल हैं।