मनोरंजन

जवानी के जोश में भुला दिए सारे गम, वगावत और बेपरवाही में बन गया सुपरस्टार, लेकिन…

बॉलीलुड के सुपरस्टार रहे संजीव कुमार ने 47 वर्ष की अल्पआयु में दुनिया को अलविदा कह दिया जमीन से उठा ये सितारा जवानी के जोश में सारे मुकाम हासिल करता गया वगावत और बेपरवाही का जुनून दुखों के पहाड़ के सामने भी हिला नहीं

संजीव कुमार ने अपनी प्रतिभा के दम पर मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री में भिन्न-भिन्न भूमिका निभाए इन किरदारों ने ही संजीव कुमार को फर्श से उठाकर अर्श पर पहुंचा दिया संजीव कुमार ने 47 वर्ष की उम्र में खूब शोहरत कमाई और स्टार्डम का एक अनोखा नमूना पेश किया संजीव कुमार का वास्तविक नाम हरीलाल जरीवाला था हरीलाल जरीवाला ने दुखों का एक पहाड़ झेला और जिम्मेदारियों के लिए कमर कस ली

पिता के मृत्यु के बाद स्वयं संभाली परिवार की जिम्मेदारी

कम उम्र में ही संजीव कुमार के पिता का मृत्यु हो गया था इसके बाद परिवार की आर्थिक निर्भरताओं के लिए कमर कसने वाले संजीव कुमार ने खूब मेहनत की और परिवार का पेट पाला पिता के बाद स्वयं इस जिम्मेदारी को संभालते हुए संजीव कुमार ने अपने सपनों से भी मुंह नहीं मोड़ा सपनों और जिम्मेदारियों की बारीक लाइन के बीच अपनी प्रतिभा का खेल दिखाते हुए संजीव कुमार ने 2 बार नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किया है वर्ष 1971 में फिल्म ‘दस्तक’ और 1973 में ‘कोशिश’ फिल्म में संजीव कुमार ने कमाल का काम किया और दोनों ही फिल्मों के लिए नेशनल अवॉर्ड हासिल किया इसके साथ ही संजीव कुमार ने 1963 में फिल्म शिखर के लिए बेस्ट सपोर्टिंग अभिनेता का फिल्म फेयर अवॉर्ड भी जीता था

अवॉर्ड्स की लगा दी थी झड़ी

1976 में फिल्म आंधी के लिए भी संजीव कुमार को ‘आंधी’ फिल्म के लिए बेस्ट अभिनेता का फिल्म फेयर अवॉर्ड दिया गया था 1977 में फिल्म अर्जुन पंडित के लिए भी संजीव कुमार ने बेस्ट अभिनेता का फिल्म फेयर अवॉर्ड अपने नाम किया इन अवॉर्ड का पुलिंदा रखने वाले सुपरस्टार संजीव कुमार ने ब्लैक एंड व्हाइट पर्दे के दौर से अपने यात्रा की आरंभ की थी और 3 दशकों तक जारी रही

संजीव कुमार ने अपने करियर में 171 फिल्मों में काम किया है इनमें से कई फिल्में सुपरहिट रहीं हैं वर्ष 1975 में रिलीज हुई फिल्म शोले में भी संजीव कुमार ने ठाकुर का दमदार भूमिका निभाया था हीरो के साथ संजीव कुमार को वजनदार और वैरायटी वाले किरदारों को स्क्रीन पर उकेरने के लिए भी जाना जाता है संजीव कुमार का दिल की रोग के कारण 1985 को ये दुनिया छोड़कर जाना पड़ा लेकिन संजीव कुमार की फिल्में उनके हुनर की गवाही देती रहेंगी लेकिन संजीव कुमार का अंतिम समय काफी तन्हाई में बीता

Related Articles

Back to top button