’12th फेल’ को लेकर IPS मनोज शर्मा ने किया ये खुलासा
IPS मनोज कुमार शर्मा की असल जीवन पर आधारित फिल्म ’12th फेल’ को ऑडियंस ने काफी पसंद किया। इस वर्ष का फिल्मफेयर बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड भी ’12th फेल’ ने जीता। ऐसे में अब मनोज शर्मा ने कहा कि उन्होंने विधु विनोद चोपड़ा को अपनी कहानी बताने की अनुमति देने के लिए पैसे नहीं मांगे थे।
’12th फेल’ की कामयाबी से आईपीएस मनोज शर्मा को क्या मिला? इस पर मनोज कहते हैं- यदि आप मुझसे पूछें कि मुझे पर्सनल रूप से क्या मिला, तो मुझे कुछ नहीं मिला। मैं किसी से पैसे नहीं लेता हूं और ना ही किसी से मॉनेटरी फायदों की आशा करता हूं। मैं एक निष्ठावान आदमी हूं। आज भी एकदम वैसा ही हूं जैसा तब था जब मेरी जीवन पर आधारित फिल्म बनने का फैसला लिया गया था। मेरी वाइफ भी एकदम मेरी तरह ही है।
मनोज के घर में ‘नो गिफ्ट पॉलिसी’ है
मनोज ने आगे कहा- मैंने और मेरी वाइफ ने घर पर ‘नो गिफ्ट पॉलिसी’ रखी है। उस समय जब मैं और मेरी पत्नी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, हम दोनों ने तभी ये निर्णय किया था कि हम हीरे और ज्वेलरी नहीं पहनेंगे। वो आज दिन भी हीरे नहीं पहनती है, इसलिए हमारा मेहंगी ज्वेलरी पर खर्चा कभी हुआ ही नहीं। हम दोनों ‘नो गिफ्ट सिस्टम’ को ठीक मानते हैं। हम एनिवर्सरी और जन्मदिन पर एक-दूसरे को उपहार नहीं देते हैं। यदि हमें उपहार देना हो तो हम एक-दूसरे को पत्र लिखते हैं। इसलिए हमें शॉपिंग करने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
मनोज को खुशी है कि फिल्म को इतनी कामयाबी मिली
IPS मनोज शर्मा ने यह भी साझा किया कि फिल्म ने युवाओं के लिए प्रेरणा का काम किया है और यह सबसे बड़ा पुरस्कार है, जिसकी उन्हें आशा थी। उन्होंने कहा- मुझे जो एकमात्र लाभ हुआ है, वो ये है कि जो बातें मैं अपने राष्ट्र के लोगों को बताना चाहता था वह फिल्म और पुस्तक के माध्यम से सामने आई हैं। ऐसे में यदि आप इससे कुछ लेना चाहते हैं, तो आप ले सकते हैं। मुझे खुशी इस बात की है कि विद्यालय के विद्यार्थी मुझे पत्र भेज रहे हैं और कह रहे हैं कि वे मेरे जैसा बनना चाहते हैं। ईमानदारी से कहूं तो यही मेरा पुरस्कार है।
एक आदमी ने मनोज से बोला कि उसके पिता उसे अपने संघर्षों के बारे में बताते थे। लेकिन वो कभी नहीं समझ पाया कि उसके पिता का क्या मतलब था। मगर फिल्म देखने के बाद उस आदमी को अपने पिता के स्ट्रगल समझ आए। उसने जाकर अपने पिता को गले लगा लिया। ये मेरे लिए किसी बड़ी कामयाबी से कम नहीं है।
मनोज शर्मा ने विधु विनोद चोपड़ा का भी धन्यवाद कहा
उन्होंने अपनी कहानी को लोगों तक पहुंचाने के लिए विधु विनोद चोपड़ा को धन्यवाद देते हुए कहा- मैं इस फिल्म के जरिए विधु विनोद चोपड़ा को धन्यवाद कहता हूं। लोगों को मेरी कहानी के बारे में पता चला, अन्यथा ऐसी बहुत सारी कहानियां हैं, लेकिन किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। इस तरह की कहानी कहने के लिए आपको उनके जैसा कोई आदमी कैसे मिलेगा? यह कहानी कोई खास नहीं है, यह एक बच्चे के बारे में है जो आपको हमारे राष्ट्र के हर कोने और सड़कों पर मिल जाएगा।
मेरे लिए फिल्म से लोगों का प्रेरणा लेना ही सबसे बड़ा पुरस्कार है
भविष्य में, यदि कुछ लोगों को भी लगता है कि उन्हें कड़ी मेहनत करनी चाहिए और निष्ठावान रहना चाहिए। या फिर शॉर्टकट नहीं अपनाना चाहिए और बेईमानी का सहारा नहीं लेना चाहिए, तो मुझे नहीं लगता कि मेरे लिए इससे बड़ा पुरस्कार और कुछ हो सकता है।