नौ साल की उम्रअभिनय में कल्लू ने गाड़े हैं झंडे, बचपन से ही गीतों का शौक
18वें भोजपुरी फिल्म अवॉर्ड्स 2023 में कलाकार अरविंद अकेला को सर्वश्रेष्ठ अदाकार के पुरस्कार से नवाजा गया है। 23 दिसंबर को मुंबई के कांदिवली में हुए भव्य आयोजन में अदाकार अरविंद अकेला ‘कल्लू’ को यह सम्मान मिला है। भोजपुरी फिल्म अवार्ड के 18वें संस्करण में आम्रपाली दुबे को सर्वश्रेष्ठ अदाकारा का अवार्ड मिला है। वहीं सम्मान पाने के बाद भोजपुरी सिने जगत का चमकता सितारा अरविंद अकेला ने अवॉर्ड्स सेरेमनी के ऑर्गेनाइजर, भोजपुरी दर्शक और फिल्म जगत से जुड़े अनेक लोगों का धन्यवाद बोला है। 18वें भोजपुरी फिल्म पुरस्कार में सम्मान पाने से गदगद अरविंद अकेला ने बोला कि यह सम्मान उनके लिए किसी बड़ी आशा से कम नहीं है। उन्होंने बोला कि अपने एक्टिंग को और बेहतर करने की प्रयास करते रहेंगे।
बचपन से ही गीतों का शौक
अरविंद अकेला उर्फ कल्लू को बचपन से ही एक्टिंग का शौक रहा है। भोजपुरी गीत मुर्गा बेचैन बाटे और चोलिया के हुक राजा जी गानों से उन्हें खूब प्रसिद्धि मिली थी। कल्ली बिहार के रहने वाले हैं, उनका जन्म बक्सर में हुआ था। परिवार किसानी से जुड़ी हैं। हालांकि उनके पिता लोक गायक रहे है इसलिए कल्लू को गाने का शौक विरासत में मिली है। गीत संगीत में गहरी रुचि के कारण वो गांव में होने वाले स्टेज शो में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया करते थे। कम उम्र में ही कल्लू बड़े सपने देखने लगे थे। उन्होंने अपने पिता के साथ भी कई बार स्टेज में गाने गये हैं। भोजपुरी भक्ति गीत झुरु झुरु निमिया गछिया को लोगों ने खूब पसंद किया था।
9 वर्ष की उम्र में गाया पहला गाना
अरविंद को गाने का शौक तो बचपन से ही था लेकिन सिंगिंग में करियर की आरंभ उन्होंने नौ वर्ष की उम्र में ही कर दी थी। वर्ष 2014 में उन्होंने एक भोजपुरी गीत गवनवा कहिया ले जईबा गाया। इस गीत को लोगों ने खूब पसंद किया। रातों रात उनकी प्रसिद्धी फैल गई। इसके एक वर्ष बाद कल्लू ने मुर्गा बेचैन बाटे गीत गाया, जिसने उन्हें काफी पहचान मिली। यही उनके करियर का टर्निंग पॉइंट भी साबित हुआ, क्योंकि इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक से बढ़कर एक सुपरहिट गाने उनकी झोली में आते गये। कल्लू रातों रात भोजपुरी संगीत के सुपरहिट गायक बन गये।
कल्लू ने गाये हैं कई सुपरहिट सांग
साल 2014 कल्लू के गीतो को जो यात्रा प्रारम्भ हुआ था वो अनवरत चलता गया। कल्लू गीत गाते गये और उसकी कारवां जुड़ता गया। एक से बढ़कर एक सुपरहिट सांग उन्होंने गाये। ऐ हमार करेजा, पंडित जी के धोती उड़े, हमार नेगवा निकाली जीजा धीरे धीरे, सोहाग के हरदी लागे हो, जिला टॉप लागेली,घर में से निकले जैसे गीत ने उन्हें रातों रात स्टार बना दिया। जान लोगी क्या गाने में वो सिंगर के साथ-साथ एक डांसर के रूप में भी नजर आये। लोगों ने उनके गीत और अंदाज को खूब पसंद किया।
अभिनय में कल्लू ने गाड़े हैं झंडे
गीते के साथ ही अरविन्द अकेला का एक्टिंग के क्षेत्र में भी यात्रा की आरंभ 2015 में हो गई थी। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की आरंभ 2015 की भोजपुरी फिल्म दिल भईल दीवाना से की थी। इसी वर्ष उन्होंने कई और भोजपुरी फिल्मों में काम किया था। जिनमें प्रमुख रूप से बताशा चाचा, त्रिदेव, हुकूमत, सजना मांगिया सजाई दा हमार जैसी कई और फिल्मों में काम किया था। अरविंद अकेला अपने पिता के काफी करीब हैं। अपनी सफलता का श्रेय भी वो अपने पिता को ही देते हैं। हालांकि वो अपना आइडल भोजपुरी अदाकार पवन सिंह को मानते हैं।